राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरा होते देखने के लिए पथरा गई आंखें

हाईवे न सिर्फ सफर की जमीन हैं, बल्कि जिन क्षेत्र से गुजरते हैं वहां की आर्थिक व सामाजिक तरक्की का पथ भी होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 12:04 AM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 12:04 AM (IST)
राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरा होते देखने के लिए पथरा गई आंखें
राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरा होते देखने के लिए पथरा गई आंखें

जेएनएन, शाहजहांपुर : हाईवे न सिर्फ सफर की जमीन हैं, बल्कि जिन क्षेत्र से गुजरते हैं वहां की आर्थिक व सामाजिक तरक्की का पथ भी होते हैं। बरेली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग के इसी पथ को पूरा होते देखने के लिए जिले के लोगों की आंखें पथरा गई। सात साल गुजर गए इंतजार में।

बार-बार समय सीमा बढ़ी। चेतावनी, निर्देश, निरीक्षण की सरकारी नूराकुश्ती भी बहुत हुई। फिर भी, नतीजा गिट्टी, रोड़ी, बजरी की बिखरी हकीकत से बढ़कर कुछ नहीं। जगह-जगह मिट्टी बहने से दरका हाईवे हादसों का सबब भी बनने लगा है।

आइये देखिए हकीकत..

बरेली जिले के फतेहगंज पूर्वी को पार कर शाहजहांपुर का कटरा क्षेत्र स्वागत करता है। बहगुल नदी के पुल पर पहुंचते ही दो पुल मिलते हैं। हालांकि, यातायात एक पर ही निर्भर है। इसी कारण अक्सर जाम लगता है। किसी तरह यहां से निकले तो हुलासनगरा रेलवे क्रा¨सग (गेट नंबर 343) की बाधा एवरेस्ट से कम नहीं। दिल्ली-लखनऊ के व्यस्त रेलरूट का ट्रैक होने से क्रॉसिंग ज्यादातर बंद ही रहती है। 15 से 20 मिनट रुकना नियति बन चुकी है, एक घंटे भी लग जाएं तो बड़ी बात नहीं। यहां से जूझकर पहुंचते हैं कटरा चौराहा। हाईवे का ओवरब्रिज अधूरा है। कटरा-जलालाबाद, खुदागंज जाने वाले वाहन नीचे से गुजरते हैं। इससे चौराहे पर दिन भर जाम के हालात रहते हैं। चंद दिन पहले ही सड़क के गड्ढे भरे गए हैं।

चार साल से फाटक पर केवल पिलर खड़े

हाईवे पर हुलासनगरा रेलवे फाटक पर जाम की दिक्कत दूर करने को ओवरब्रिज बनाने की तैयारी थी। बीते करीब साढ़े चार साल में केवल कुछ पिलर ही खड़े हो पाए। मौके पर ओवरब्रिज का पता न एप्रोच रोड का।

यह है स्थिति

200 : ट्रेनें दिन भर में हुलासनगरा क्रॉसिंग से गुजरती हैं

5 : एक बार में 5-6 मिनट बंद रहती है क्रॉसिंग

35 : किमी है मीरानपुर कटरा से बरेली की दूरी

ऐसे होता है रूट डायवर्जन :

- ट्रैक मरम्मत के दौरान ट्रेनें कॉशन देकर निकाले जाने पर हालात काफी गंभीर हो जाते हैं

- कटरा चौराहा से खुदागंज रोड पर कसरक से हुलासनगरा होते हुए बरेली के लिए वाहन निकाले जाते हैं

- बरेली से लखनऊ की ओर जाने वाले वाहन फतेहगंज पूर्वी थाने से गढि़या रंगीन रोड होकर निकाले जाते हैं

- कानपुर की ओर जाने वाले वाहन फतेहगंज पूर्वी से जैतीपुर होकर खैरपुर चौराहे होकर पास कराए जाते हैं

इंसेट

1951 करोड़ : रुपये 2014 तक चौड़ीकरण कार्य पूर्ण होने का बजट तय था

2601 करोड़ : निर्माण में देरी, भूमि अधिग्रहण, पेड़ काटने की अनुमति आदि के चलते बढ़ गया बजट

फैक्ट फाइल :

- 2010 में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण ने दी थी मंजूरी

- 157 किमी के बरेली से सीतापुर के बीच होना था चौड़ीकरण

- 2011 वर्ष के अंत में ईरा इंफ्रा ने कार्य शुरू कराया

- 2013 में फारेस्ट क्लीयरेंस न होने पर बंद हो गया काम

- 11 माह बाद मई 2014 में दोबारा शुरू हुआ काम

- 2018 वर्ष के जून माह तक कराया जाना था काम

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