1.22 करोड़ के बीज अनुदान घोटाला की जांच शुरू

पीएम किसान सम्मान निधि फर्जीवाड़ा की जांच से जूझ रहे कृषि विभाग में अब वर्ष 2015-16 में हुए 1.22 करोड़ के बीज अनुदान घोटाला की शासन से जांच शुरू हो गई है। अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी के निर्देश पर बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक रामशब्द जसवारा को जांच अधिकारी नामित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 12:28 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 12:28 AM (IST)
1.22 करोड़ के बीज अनुदान घोटाला की जांच शुरू
1.22 करोड़ के बीज अनुदान घोटाला की जांच शुरू

जेएनएन, शाहजहांपुर : पीएम किसान सम्मान निधि फर्जीवाड़ा की जांच से जूझ रहे कृषि विभाग में अब वर्ष 2015-16 में हुए 1.22 करोड़ के बीज अनुदान घोटाला की शासन से जांच शुरू हो गई है। अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी के निर्देश पर बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक रामशब्द जसवारा को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्हें घोटाले में कृषि अधिकारी कार्यालय की संलिप्तता की जांच के निर्देश दिए गए है। जिसके तहत डीएओ कार्यालय से किसानों को वितरित गेहूं बीज, किसानों से प्राप्त चेक व वायदा पत्र की जांच होगी। संयुक्त सचिव यतींद्र कुमार की ओर से भेजे गए पत्र में जांच के बिदु भी स्पष्ट कर दिए गए हैं।

जांच से बढ़ सकती हैं मुश्किलें

मामले में अभी तक सिर्फ उप कृषि निदेशक कार्यालय की ओर से किसानों के खातों में भेजी गई बीज अनुदान राशि तथा रिकवरी की जांच हुइ है। जबकि जांच में तमाम किसान ऐसे सामने आए थे, जिनके खाते में पैसा तो भेजा गया, लेकिन इसकी उन्हें जानकारी ही नहीं है। किसानों ने शपथ पत्र देकर यह भी बताया कि उनके नाम से बैंक से चेक बुक जारी नहीं की गई, फिर भी उनके नाम का चेक दर्शाया गया। नए सिरे से जांच शुरू होने पर यदि चेक व वायदा पत्र न मिले तो जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के कार्मिकों की मुश्किल बढ़ सकती है।

यह था पूरा मामला

वर्ष 2015-16 में सूखा राहत के तहत 1.22 करोड का धान बीज आया था, जिसे किसानों को दो तिहाई बीज अनुदान के साथ बिक्री किया गया। मामले में विभाग के दो बाबुओं ने 63 लाख की धनराशि अपने तथा रिश्तेदारों के परिवारीजनों के खातों में भिजवा दी। तत्कालीन उप कृषि निदेशक डा. राधाकृष्ण यादव ने थाना रोजा में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में दो बाबुओं को जेल भेजा गया। हालांकि 63 लाख बीज अनुदान की धनराशि की रिकवरी कर ली गई। राधाकृष्ण यादव निलंबित भी किए गए थे।

वर्जन

बीज अनुदान मामले की जांच बीज विकास निगम क एमडी करेंगे। मुझसे कुछ अभिलेख देखने को कहा गया था। मामला वर्ष 2015-16 का है। इसलिए पूरी जानकारी नही है।

नीरज श्रीवास्तव, संयुक्त कृषि निदेशक

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