सैलाब में डूबा लकड़ी पुल, फिर भी निकल रहे लोग

प्रशासन और प्रतिनिधियों की उपेक्षा पर दुश्वारियों भरी जिदगी को आसान बनाने के लिए सलेमपुर के लोगों ने तीन वर्ष पूर्व लकड़ी का पुल बनाया। लेकिन बारिश में सैलाब से अब पुल अरिल नदी में डूब चुका है। लेकिन बेबस ग्रामीणों के पास पार जाने के लिए गांव में अन्य कोई संसाधन व माध्यम नही है

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 01:20 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 01:20 AM (IST)
सैलाब में डूबा लकड़ी पुल, फिर भी निकल रहे लोग
सैलाब में डूबा लकड़ी पुल, फिर भी निकल रहे लोग

जेएनएन, शाहजहांपुर : प्रशासन और प्रतिनिधियों की उपेक्षा पर दुश्वारियों भरी जिदगी को आसान बनाने के लिए सलेमपुर के लोगों ने तीन वर्ष पूर्व लकड़ी का पुल बनाया। लेकिन बारिश में सैलाब से अब पुल अरिल नदी में डूब चुका है। लेकिन बेबस ग्रामीणों के पास पार जाने के लिए गांव में अन्य कोई संसाधन व माध्यम नही है। मजबूरन जोखिम का पर्याय बने पानी में डूबे पुल से महिला, पुरुष नदी का पार कर रहे हैं। नदी के तेज प्रवाह में पुल को बहने से रोकने के लिए ग्रामीणों ने पुल को बांध रखा है। तीव्र प्रवाह के लिए लकड़ी की टेक भी लगा रखी है। लेकिन फिर भी लोगों में दहशत है। सैकड़ों की जान संकट में

नगर पंचायत कलान से दो किलोमीटर दूरी पर बसे गांव कबरा सलेमपुर में सैकड़ों की आबादी है। बीच में नदी की वजह से बरसात के दिनों में ग्रामीणों को 15 किलोमीटर के फेर से कलान जाना पड़ता है। परेशानी देख 2018 में ग्रामीणों ने चंदा करके खुद लकड़ी इकट्ठा कर एक पुल बनाया। इससे जिदगी आसान हो गई। अब सैलाब में डूब जाने से सैकड़ों की जान संकट में है। दरअसल अधिकांश लोग सुबह शाम इसी पुल से नदी पार करते हैं। पानी के बहाव में यदि पुल टूटा अथवा बहा तो बड़ा हादसा हो सकता है। पुल बनवाया नहीं लेकिन निर्माण में प्रशासन ने डाली थी बाधा

तमाम मिन्नतों के बाद जब प्रशासन व प्रतिनिधियों ने नहीं सुनी तो ग्रामीण खुद पुल बनाने लगे, लेकिन जब इसकी जानकारी प्रशासन को लगी तो पुल हटाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण एकजुट हो गए, जिसके चलते प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। अब पुल के डूब जाने पर प्रशासन ग्रामीणों की मदद को सामने नहीं आया। ग्रामीणों में रोष

प्रधान धनराज कश्यप बताते है कि कई बार उच्चाधिकारियों को तहसील व थाना दिवस में भी प्रार्थना पत्र दिए जा चुके हैं। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण रामअवतार कश्यप, गिरीश कश्यप, सुरेश शाक्य, बृजेश कुमार, लालाराम आदि ने पूल निर्माण के साथ त्वरित मदद के लिए नाव की मांग की है। सलेमपुर में अरिल नदी पर पुल निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा जाएगा। तत्काल मदद के लिए नाव की व्यवस्था कराई जा रही है।

रमेश बाबू, उप जिलाधिकारी कलान

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