भारत बंद का मिनी पंजाब में रहा असर, किसानों ने जाम लगाकर जताया विरोध

नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को किए गए भारत बंद के आह्वान का जिले में मिलाजुला असर रहा। किसान यूनियनों ने लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य राजमार्गों पर जाम लगाया। शहर में पैदल मार्च भी निकाला गया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 12:27 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 12:27 AM (IST)
भारत बंद का मिनी पंजाब में रहा असर, किसानों ने जाम लगाकर जताया विरोध
भारत बंद का मिनी पंजाब में रहा असर, किसानों ने जाम लगाकर जताया विरोध

जेएनएन, शाहजहांपुर : नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को किए गए भारत बंद के आह्वान का जिले में मिलाजुला असर रहा। किसान यूनियनों ने लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य राजमार्गों पर जाम लगाया। शहर में पैदल मार्च भी निकाला गया। हालांकि यहां बाजार खुले रहे। मिनी पंजाब यानी पुवायां तहसील क्षेत्र में दोपहर तक बंद का असर दिखा।

दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे आंदोलन को गति देने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया था। यूनियन के निवर्तमान जिलाध्यक्ष मनजीत सिंह के नेतृत्व में सुबह करीब साढ़े दस बजे कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित पुराने टोल टैक्स के पास जाम लगा दिया। दोपहर करीब एक बजे नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देकर जाम खोल दिया गया। सीओ सिटी सरवणन टी व सीओ सदर प्रवीण कुमार के अलावा यूनियन के सुखचैन सिंह, बाबूराम, मुनेश्वर दयाल, सुखविदर सिंह, गगनदीप, हरेंद्र, संजीव अवस्थी आदि मौजूद रहे। धूप में समझा लोगों का दर्द

तपती धूप में चक्का जाम करने वाले किसानों ने जाम में फंसे लोगों का दर्द भी समझा। एंबुलेंस के अलावा रोडवेज बस व बुजुर्गों को आसानी से निकलवा दिया। वाहन निकलने पर नाराज हुए नगर मजिस्ट्रेट

यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए प्रशासन ने 17 स्थानों से ट्रैफिक को डायवर्ट किया। पैदल मार्च में जुटे किसान

भारतीय किसान मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में हरदोई मार्ग से पैदल मार्च निकाला गया। किसान शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने व्यापारियों से भी भारत बंद में सहयोग करने की अपील की। 29 सितंबर को तिलहर में होने वाली महापंचायत को भी सफल बनाने की अपील की गई। इस मौके पर क्रांति सिंह, ब्रजमोहन गौतम, संतकुमार मिश्रा, सुखपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

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