शाहजहांपुर में फसलें हुईं बर्बाद, अब परिवार का खर्च चलाने के लाले

रामगंगा का जलस्तर भले ही घटना शुरू हो गया है लेकिन बहगुल में पानी बढ़ रहा है। फसलें चौपट होने के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। उनके सामने घर का खर्च चलाने की समस्या खड़ी हो गई है। क्षेत्र में किसानों की धान बाजरा तिल उर्द व गन्ने की फसलें तैयार थीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 01:47 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 01:47 AM (IST)
शाहजहांपुर में फसलें हुईं बर्बाद, अब परिवार का खर्च चलाने के लाले
शाहजहांपुर में फसलें हुईं बर्बाद, अब परिवार का खर्च चलाने के लाले

जेएनएन, शाहजहांपुर : रामगंगा का जलस्तर भले ही घटना शुरू हो गया है, लेकिन बहगुल में पानी बढ़ रहा है। फसलें चौपट होने के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। उनके सामने घर का खर्च चलाने की समस्या खड़ी हो गई है। क्षेत्र में किसानों की धान, बाजरा, तिल, उर्द व गन्ने की फसलें तैयार थीं। कटाई के बाद इन्हें बेचकर बच्चों के शादी-विवाह, स्कूल की फीस आदि का इंतजाम करना था, लेकिन पहले बारिश फिर बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया। रामनगर, केसीनगला, खूबपुर, अचितपुर, धुबला करीमनगर, घसाकल्याणपुर, रामपुर, अमरेडी, नगला देहात माली, अंतू गौटीया, जगतियापुर, सरसवा, लोहरगढ़ी, मरेना बस्ती, नगला, डभौरा आदि गांवों में किसानों को खेतों से फसल उठाने का मौका तक नहीं मिला। रामसरन, बबलू्, धर्मपाल, पंकज, राजेंद्र, रामवीर, महिपाल, राजवीर, राकेश, सुनील, अमलेश, भरतपाल, नत्थू आदि ने बताया कि फसल के नाम पर कुछ नहीं बचा है। खेतों में भरे पानी से गेहूं, लाही और गन्ने की बुवाई भी टल गई है। आगे परिवार का खर्च कैसे चलेगा कुछ समझ नहीं आ रहा। खेत से सड़क तक दिक्कतें बरकरार

रामगंगा के जलस्तर में कमी आने से गढि़या रंगीन खादर क्षेत्र के कई गांव में भरा पानी कुछ कम हो गया, लेकिन ग्रामीणों की दिक्कतें कम नहीं हुई है खेत में व संपर्क मार्गों पर अब भी दो से तीन फीट तक पानी भरा होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है विषैले जीवों की संख्या बढ़ी

बाढ़ प्रभावित इलाकों में विषैले जीवों का प्रकोप बढ़ गया है। सांप-बिच्छू सहित कई अन्य प्रकार के जहरीले जीव घरों तक पहुंचने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दिन में तो सर्तकता बरतते हैं, लेकिन रात में सबसे ज्यादा डर रहता है। छोटे बच्चों को लेकर चिता रहती है। बीमारियों से पीड़ित हैं लोग

बाढ़ प्रभावित गांवों में लोग बुखार व अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन यहां स्वास्थ्य विभाग की टीमें नहीं पहुंच पा रहीं। केसी नगला के रामशरण ने बताया कि उनके परिवार में बच्चे को काफी तेज बुखार था। दवा दिलाकर अस्पताल से वापस आए तब तक जलस्तर और बढ़ गया किसी तरह घर पहुंचे। उनकी पत्नी भी बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन गांव से बाहर जाने के रास्ते बंद हैं। बिजली के पोल टूटे, गांव की बिजली ठप

तीन दिन से बिजली न मिलने के कारण केसी नगला और रामनगर गांव के ग्रामीण बेहद परेशान हैं। उनके मोबाइल नहीं चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। नगरिया गांव के पास डबरी में गुरुवार को बिजली के पोल टूट कर गिर गए थे। जिसके बाद से इन दोनों गांव में भी बिजली ठप हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भरा पानी

जैतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिस कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों को आवास से यहां तक आने में भी परेशानी हो रही है। जलभराव के कारण दुर्गंध आ रही है। स्वास्थ्यकर्मियों के स्वजन भी ज्यादा बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

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