नौकरी के लिए मालगाड़ी पर चढ़ गया युवक
नौकरी न मिलने के कारण परेशान युवक जान देने के लिए मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया।
शाहजहांपुर : नौकरी न मिलने के कारण परेशान युवक जान देने के लिए मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया। उसने ओएचई लाइन पकड़ने की कोशिश की, लेकिन इस बीच वहां पर स्टेशन अधीक्षक के साथ आरपीएफ व जीआरपी के प्रभारी पहुंच गये। उसको समझाने की कोशिश की, पर वह मुख्यमंत्री को बुलाने पर अड़ गया। करीब पौन घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। किसी तरह उसको सिपाहियों ने उसको सकुशल नीचे उतारा।
लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र के मधुबन नगर निवासी शशिकांत शुक्ला का बेटा श्यामजीत शुक्ला सोमवार सुबह खाना खाकर घर से निकल गया। शाम करीब पांच बजे वह यहां सियालदाह एक्सप्रेस से पहुंचा। करीब सवा पांच बजे प्लेटफार्म नंबर तीन की अप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया। स्टेशन पर मौजूद लोगों की नजर उस पर पड़ी तो शोर मचाना शुरू कर दिया। स्टेशन अधीक्षक जेपी ¨सह, आरपीएफ प्रभारी रामऔतार मीणा व जीआरपी प्रभारी वहां पर फोर्स के साथ पहुंच गये। उन्होंने श्यामजीत को उतारने की कोशिश की, तो उसने इन्कार कर दिया। बोला कि योगी जी नौकरी नहीं दे रहे हैं इसलिए मरने आए हैं। स्टेशन अधीक्षक ने कहा कि नीचे उतर आओ। जिस पर उसने कहा कि हम मरने ही आए हैं। या तो योगी जी को बुलाओ वह आकर नौकरी देने का वादा करें तभी नीचे उतरेंगे। करीब आधा घंटा तक उसे समझाने की कोशिश चलती रही। इस बीच अटसलिया उपकेंद्र से लाइन कटवा दी गई।
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लगा झटका नीचे बैठा
इस दौरान स्टेशन अधीक्षक जेपी ¨सह ने एरिया मैनेजर प्रभास राघव का फोन मिलाया। कहा कि तो योगी जी लाइन पर हैं, उनसे बात कर लो। जीआरपी के चंद्रजीत ने चढ़कर फोन दिया। जब बोले तो कहा कि वह आवाज पहचान गया, बोला कि योगी जी नहीं बोल रहे हैं। हमें बेवकूफ बना रहे हो। इतना कहकर उसने लाइन पकड़ने की कोशिश की। झटका लगते ही वह वैगन पर गिर गया। इस बीच जीआरपी सिपाही चंद्रजीत व गैंगमैन जितेंद्र पहुंचे। उन्होंने श्यामजीत को पकड़कर नीचे ही बैठा लिया।
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नीचे उतारा, हिरासत में लिया
इस बीच लाइन पूरी तरह बंद हो चुकी थी, जिसके बाद उसे नीचे उतारा गया। नीचे उतरने के बाद आरपीएफ ने उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ की तो उसने अपने भाई अमित का मोबाइल नंबर दिया, जिसके बाद अमित से आरपीएफ प्रभारी ने बात की। अमित ने बताया कि उसका भाई स्नातक पास है। बीटेक की परीक्षा में फेल होने के बाद से मानसिक रूप से परेशान है। वह सुबह से गायब था, तब से उसको ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं।
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तीन बार कर चुका कोशिश
अमित ने बताया कि श्यामजीत इससे पहले भी तीन बाद जान देने की कोशिश कर चुका है। उसने बताया कि श्यामजीत इससे पहले एक फरवरी को हरदोई में ट्रेन की बोगी पर चढ़ने का प्रयास कर चुका है। आरपीएफ ने उसे पकड़ लिया। दो वर्ष पूर्व उत्तराखंड में पहाड़ी से कूदकर जान देने की कोशिश की, लेकिन उसे बचा लिया गया। इसी तरह घर में बिजली के तार पकड़ कर जान देने की कोशिश की थी।
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सीएम आवास पर पहुंचा था
अमित ने बताया कि श्यामजीत एक बार मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच गया था। उसने इच्छा मृत्यु या नौकरी में से एक चीज मांगी थी। उस समय मुख्यमंत्री वहां नहीं थे। उसे समझाकर किसी तरह वापस किया गया था।
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पिता थे रेलवे कर्मी
श्यामजीत के पिता शशिकांत रेलवे में कैरिज एंड वैगन में कर्मचारी थे। पिछले माह ही वह रिटायर हुए हैं। उसका बड़ा भाई दिवाकर होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद नौकरी कर रहा है। जबकि छोटा भाई अमित बीएससी कर चुका है, नौकरी की तलाश है, जबकि मां गृहणी हैं।
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कर रहा अजीबोगरीब बात
पूछताछ में श्यामजीत ने कहा कि उसे रेलवे में ही नौकरी चाहिए। श्यामजीत ने बताया कि उसके बाबा रमाकांत शुक्ला भी रेलवे में कर्मचारी थे। उनको एक लूट के दौरान गोली मारी थी। उनकी जगह दादी को नौकरी दे दी गई थी। जबकि उसे दी जानी चाहिए थी। उसके पास डिग्रियां हैं, नौकरी नहीं मिल रही तो वह क्या करें।
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ट्रेनें हुईं लेट
इस हंगामे के कारण जहां करीब 45 मिनट तक मालगाड़ी रुकी रही। वहीं उसके पीछे के स्टेशन पर किसान, कुंभ स्पेशल व त्रिवेणी एक्सप्रेस को रोकना पड़ा। मालगाड़ी रवाना होने के बाद दोनों ट्रेनें रवाना किया गया।
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25 हजार वॉट का रहता करंट
ओएचसई जमीन से लगभग 18 फिट पर होती है। मालगाड़ी के वैगन से इसकी ऊंचाई लगभग चार फिट होती है। लाइन में 25 हजार वॉट का करंट दौड़ता रहता है। बंद करने पर 2500 वोल्ट रह जाता है। धीरे-धीरे अर्थि¨ग देकर लाइन डिस्चार्ज की जाती ह। फुल चार्ज होने पर यह एक फिट की ऊंचाई से व्यक्ति को पकड़ लेती है।
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वर्जन :
युवक के चढ़ने की सूचना मिलते ही तत्काल लाइन में सप्लाई बंद करा दी थी। पूरी लाइन डिस्चार्ज के लिए कहा गया था। ताकि 2500 वोल्ट करंट भी न रह जाए।
जेपी ¨सह, स्टेशन अधीक्षक जानकारी मिलने पर युवक से वार्ता कर उसे नीचे लाने का प्रयास किया। सकुशल उतारने में सफल रहे। वह डिप्रेशन का शिकार लग रहा है। उसके परिजनों को बुला लिया गया है।
रामऔतार मीणा, आरपीएफ प्रभारी