बहनों के लिए स्टापेज पर बसें रुकवाएंगे कर्मचारी, संचालन पर नजर रखेंगे अधिकारी
रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए बस सेवा निश्शुल्क कर दी जाती है। लेकिन चालक-परिचालकों की मनमानी की वजह से बहुत सी महिलाओं को इस सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में परिवहन विभाग ने ऐसे प्रमुख स्थानों पर अपने 20 कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है जहां यात्री सबसे ज्यादा बसों का इंतजार करते है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए बस सेवा निश्शुल्क कर दी जाती है। लेकिन चालक-परिचालकों की मनमानी की वजह से बहुत सी महिलाओं को इस सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में परिवहन विभाग ने ऐसे प्रमुख स्थानों पर अपने 20 कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है जहां यात्री सबसे ज्यादा बसों का इंतजार करते है। यह कर्मचारी बसों को रुकवाकर महिलाओं को उसमें बैठाएंगे। इसके बाद भी यदि मनमानी की गई तो संबंधित कर्मचारियों की रिपोर्ट के आधार पर चालक व परिचालक के खिलाफ कार्रवाई तय होगी। रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए 21 अगस्त रात 12 बजे से निश्शुल्क सेवा उपलब्ध कराने का आदेश भी एआरएम के पास शुक्रवार को आ गया है।
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150 बसों से पहुंचाए जाएंगे यात्री
परिवहन विभाग ने 150 बसें रक्षाबंधन पर चलाने का निर्णय लिया है। जिनकी फिटनेस भी हो चुकी है। दिल्ली, लखनऊ जैसे बड़े मार्गों पर 21 अगस्त दोपहर बाद फेरे कम कर दिए जाएंगे। ताकि हरदोई, सीतापुर, फर्रुखाबाद, पीलीभीत, बदायूं, बरेली आदि मार्गों पर बसों की संख्या व फेरे बढ़ाए जा सके। मेंटीनेंस के अभाव में खड़ी हैं 15 बसें
परिवहन विभाग के मुख्यालय से बसों के मेंटीनेंस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिले में करीब 15 बसें मेंटीनेंस के अभाव में खड़ी है। जिसमे टायर बदलने से लेकर अन्य सामान भी बदला जाना है। अधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। दरअसल कोविड गाइड लाइन के तहत एक बस में 52 यात्रियों से अधिक नहीं बैठाए जाएंगे। अव्यवस्थाओं पर भी नहीं दिया ध्यान
त्योहार की वजह से बस स्टैंड पर इन दिनों भीड़-भाड़ अधिक हो रही है। लेकिन परिसर के पास जलभराव होने की वजह से यात्रियों को निकलने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा शौचालय की साफ-सफाई न होने की वजह से भी यात्रियों को दिक्कत का सामाना करना पड़ता है। लेकिन अधिकारियों ने इन समस्याओं का निस्तारण कराने पर कोई ध्यान नहीं दिया। यात्रियों की भीड़ के हिसाब से छोटे मार्गों पर फेरे बढ़ाए जाएंगे। महिलाएं के लिए चौबीस घंटे निश्शुल्क सेवा रहेगी। जो प्रमुख प्वाइंट है वहां पहले से कर्मचारी तैनात रहेगा ताकि चालक व परिचालक बस रोकने में मनमानी न कर सके। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
एसके वर्मा, एआरएम