ड्यूटी पूरी किए बिना ही गायब हो जाते हैं डॉक्टर
यहां पर न मात्र के ही मरीज आते हैं वो भी चिकित्सक के न रहने पर लौट जाते हैं।
आयुष विंग
- दो बजे तक बैठने की है जिम्मेदारी, बारह बजे ही उठ जाते हैं कुर्सी से
- मरीज हो जाते है वापस, ज्यादातर लोगों को नही इसके बारे में जानकारी
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर: जिला अस्पताल परिसर में आयुष विग सालों से चल रही है, लेकिन कम लोगों को इसकी जानकारी है। यहां पर न मात्र के ही मरीज आते हैं, वो भी चिकित्सक के न रहने पर लौट जाते हैं।
आयुष विग में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी व योग से इलाज किया जाता है। अस्पताल में ओपीडी का समय नौ से दो बजे के बीच है, लेकिन डॉक्टर दोपहर 12 बजे तक गायब हो जाते हैं। जानकारी न होने की वजह से यहां पर गिनती के मरीज ही अस्पताल में पहुंचते हैं। अस्पताल का लाखों रुपये का बजट है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग आयुष सुविधा से महरूम हैं
अस्पताल का स्टाफ
1 डॉक्टर : होम्योपैथिक
1 डॉक्टर : यूनानी
1 डॉक्टर : आयुर्वेदिक
2 योग प्रशिक्षक
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ओपीडी का हाल
होम्योपैथिक - 30 से 35
यूनानी - 20 से 25
आयुर्वेदिक : 30 से 35
योग : 20 से 25
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फोटो: 20 एसएचएन: 11
- अक्सर अस्पताल जाता रहता हूं, लेकिन आयुष विग के बारे में जानकारी नहीं है। यहां किस प्रकार से इलाज होता है इस बारे में कुछ भी नहीं पता।
भग्गा लाल
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जिला अस्पताल में आयुष विग बनी है, लेकिन यहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते हैं। बिना इलाज के लिए लौटना पड़ता है।
सोहन लाल
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वर्जन: आयुष विग में मरीजों की संख्या कम है। जल्द फायदा होने के लिए लोग एलोपैथिक इलाज कराना पसंद करते हैं। आयुष विंग के लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
डॉ. एमपी गंगवार, सीएमएस जिला अस्पताल