रात में पकड़े पर्यावरण के दुश्मन, 94 के खिलाफ मुकदमा

जलाकार पर्यावरण प्रदूषित करने वालों के खिलाफ फिर एक बार बड़ी कार्रवाई हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 12:41 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 06:05 AM (IST)
रात में पकड़े पर्यावरण के दुश्मन, 94 के खिलाफ मुकदमा
रात में पकड़े पर्यावरण के दुश्मन, 94 के खिलाफ मुकदमा

जेएनएन, शाहजहांपुर : पराली जलाकार पर्यावरण प्रदूषित करने वालों के खिलाफ फिर एक बार बड़ी कार्रवाई हुई है। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के अनुरूप डीएम ने एसपी के साथ रात में पुवायां तहसील क्षेत्र के गांव में छापा मारा। इस दौरान पराली जलाते हुए लोग पकड़ में आ गए। एसडीएम ने शनिवार को 31 किसानों समेत कुल 70 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। जबकि जिले में कुल 316 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई। इनमें 310 किसानों को चिह्नित कर 16.10 लाख जुर्माना लगाया गया। कुल 94 के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

एनजीटी के आदेश को प्रभावी बनाने के लिए डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने जिला से लेकर तहसील स्तर पर कमेटी गठित की थी। अपर मुख्य सचिव गृह का आदेश के बाद पराली जलाने में एफआइआर का क्रम शुरू हुआ। शुक्रवार तक 59 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। शनिवार को डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने सभी उप जिलाधिकारियों को क्षेत्र में उतार दिया। खुद एसपी के साथ पुवायां तहसील में निरीक्षण को निकले। इस दौरान सैटेलाइट से मिली रिपोर्ट के साथ कुछ किसानों को पराली जलाने में पकड़ लिया। हालांकि किसान भाग गए। पुवायां एसडीएम सौरव भट्ट ने डीएम के निर्देश पर शनिवार को 31 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इससे अब तक पुवायां में 70 किसानों के खिलाफ मुकदमा कराया जा चुका है। जबकि जनपद में संख्या 94 पर पर पहुंच गई है। छह घटनाओं के किसान ढूंढे नहीं मिले है।

एक लेखपाल निलंबित, दूसरे को प्रतिकूल प्रविष्टि

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का अनुपालन न करने में लेखपाल जगन्नाथ को निलंबित कर दिया गया है। पुवायां एसडीएम सौरभ भट्ट ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने कोरोकुइंया के लेखपाल को निर्देशों की अवहेलना करने तथा पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई न करने के आरोप में निलंबित कर दिया। महानंदपुर के लेखपाल अजय श्रीवास्वत को लापरवाही में प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। पराली जलाना अपराध है। पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ मुकदमा भी होगा। किसान फसल अपशिष्ट जलाने के बजाय उपकरणों से मिट्टी में मिलाकर सड़ायें। इससे पैदावार में भी इजाफा होगा।

-इंद्र विक्रम सिंह, डीएम

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