कोरोना संक्रमण से काढ़ा बिक्री में चार गुना इजाफा

कोरोना संक्रमण में वृद्धि दर देख जिले में काढ़ा बिक्री चार गुना बढ़ी है। आयुष मंत्रालय से अनुमन्य विविध कंपनियों का आयुष काढ़ा की मांग में वृद्धि हुई है। जानकार लोग गिलोय अश्वगंधा दालचीनी लकड़ी शतावर तुलसी आदि के साथ ही कालीमिर्च अजवायन आदि को औषधीय उपचार के लिए खरीद रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 12:45 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 12:45 AM (IST)
कोरोना संक्रमण से काढ़ा बिक्री में चार गुना इजाफा
कोरोना संक्रमण से काढ़ा बिक्री में चार गुना इजाफा

जेएनएन, शाहजहांपुर : कोरोना संक्रमण में वृद्धि दर देख जिले में काढ़ा बिक्री चार गुना बढ़ी है। आयुष मंत्रालय से अनुमन्य विविध कंपनियों का आयुष काढ़ा की मांग में वृद्धि हुई है। जानकार लोग गिलोय, अश्वगंधा, दालचीनी लकड़ी, शतावर, तुलसी आदि के साथ ही कालीमिर्च, अजवायन आदि को औषधीय उपचार के लिए खरीद रहे है।

बहादुरगंज में 150 साल पुरानी पंसारी की दुकान पर शुक्रवार को लोग शारीरिक दूरी के साथ काढ़ा खरीद रहे थे। काढ़ा और च्यवनप्राश की डिमांड रही। आयुर्वेदाचार्य डा. अवधेश मणि त्रिपाठी चाय की जगह अदरक, गिलोय, काली मिर्च, दालचीनी आदि का काढ़ा पीने की सलाह दे रहे है। योग शिविर में भी लोगों के इसके फायदे बता रहे है। इंसेट

कोरोना का काल और ढाल है यह काढ़ा

अदरक 5 ग्राम, लहसुन 8 जबा, पान पत्ता देसी 2 अदद, पोदीना 30 पत्ती, सभी को कूटकर एक लीटर पानी में बर्तन में खौलाएं। जब पानी जलकर आधा रह रह जाए। इसको छान कर सुबह, दोपहर, शाम तीन बार दो लोग समान मात्रा में पी सकते हैं। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। यूनानी चिकित्सक डा. नाजिम रजा का दावा है कि यह काढ़ा नजला, जुकाम खांसी, सांस लेने में परेशानी में राहत के साथ बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। बुखार होने पर काढ़ा में एक चम्मच खाकसी अर्थात खूबकला मिलाने के बाद पकाकर लिया जा सकता है।

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बाजार में बढ़ रहा भाव

कोरोना संक्रमण देख विविध कंपनियों ने आयुष काढ़ा लांच किया है। 100 ग्राम पैकेट 100 से 175 रुपये तक बिक रहा है। आधा लीटर की शीशी में रेडीमेड काढ़ा भी आया है। जो 150 से 200 रुपये में लोग खरीद रहे है। गिलोय, अश्वगंधा तथा तुलसी का चूर्ण और गोलियां की बिक्री छह गुना तक बढ गई है। 60 गोली का पैकेट 125 रुपये में बिक रहा। काढ़ा बनाने का तरीका तो पहले से ही बता रहा था। सोमवार से लोगों को जानकारी देने के लिए क्लीनिक पर काढ़ा बनाने का निर्णय लिया है।

डा. अवधेश मणि त्रिपाठी, आयुर्वेदाचार्य मैं नियमित काढ़ा पी रहा हूं। इस समय सैनिटाइजर, मास्क और काढ़ा ही जीवनदाता है। च्यवनप्राश का भी सेवन शुरू कर दिया है।

अनिल कुमार, ग्राहक काढ़ा सभी अच्छे है। लेकिन, घर में तैयार काढ़ा बेहतर है। इन दिनों रोजा व व्रत चल रहे है। काढ़ा का रोजेदार समेत व्रत रखने वाले सेवन करें।

हकीम डा. नाजिम रजा, यूनानी चिकित्सक

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ऊपर से माल आने में दिक्कत शुरू हो गई है। इसलिए जरूरत भर का ही काढ़ा लेना चाहिए। आयुष काढ़ा को पिछली बार भी नहीं रोका गया।

गोपाल, आयुर्वेद औषधियों के विक्रेता

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