बाई ने संभाली बच्ची, मोनिका ने कोरोना मरीज

लगभग एक साल पहले अप्रैल माह में कोरोना चरम पर था। राजकीय मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में डयूटी कर रहीं स्टाफ नर्स मोनिका मिश्रा की रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई। वह परेशान हो उठीं। उनकी परेशानी का कारण कोरोना नहीं बल्कि तीन साल की बेटी पिभू थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 01:15 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 01:15 AM (IST)
बाई ने संभाली बच्ची, मोनिका ने कोरोना मरीज
बाई ने संभाली बच्ची, मोनिका ने कोरोना मरीज

जेएनएन, शाहजहांपुर : लगभग एक साल पहले अप्रैल माह में कोरोना चरम पर था। राजकीय मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में डयूटी कर रहीं स्टाफ नर्स मोनिका मिश्रा की रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई। वह परेशान हो उठीं। उनकी परेशानी का कारण कोरोना नहीं बल्कि तीन साल की बेटी पिभू थी। पति विकास मिश्र का खीरी के गोला में नर्सिंग होम है। वह भी यहां नहीं आ सकते थे। यहां मोनिका के अलावा घर पर सिर्फ कामवाली बाई पूजा देवी थीं। ससुराल वाले भी तत्काल आ नहीं सकते थे। मोनिका ने होम क्वारंटाइन होने का निर्णय लिया। एक ही घर में रहने के बावजूद सप्ताह भर बेटी को नहीं दुलार सकीं। बाई ही उसकी देखभाल करती रही। फिर पति से परामर्श कर बाई को घर व बेटी को सीतापुर ससुराल भेज दिया जहां ननद ने की देखभाल की। 15 दिन बाद मोनिका स्वस्थ हो गईं। लेकिन, बेटी को उन्होंने पास नहीं बुलाया। बल्कि दोबारा कोविड की डयूटी करने लगीं। इस दौरान वीडियो कॉल से मोनिका फोन से बेटी का हालचाल लेती रहीं।

सीतापुर जिले के कृष्णानगर कालोनी निवासी मोनिका मिश्रा की 26 अगस्त 2019 को शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर तैनाती हुई। पति का गोला में नर्सिंग होम हैं। ऐसे में मोनिका बेटी पिभू के साथ चौक कोतवाली के बनखंडीनाथ मंदिर के पास किराये पर रहने लगी। पहले तो बच्ची को साथ लेकर जाती थीं। लेकिन, कोरोना बढ़ा तो घर के काम व बच्ची की देखभाल के लिए बाई पूजा को रख लिया। एक माह पहले भी रहीं दूर

कुछ दिन बाद उनकी ड्यूटी कोविड आइसीयू में लगी। यहां गंभीर संक्रमित मरीज भर्ती किए जाते हैं। ऐसे में मोनिका कमरे पर आने के बाद भी बेटी से ज्यादातर दूर ही रहती थी। ताकि वह संक्रमित न हो जाए। यह सिलसिला करीब एक माह तक चला। सराहा गया काम

मोनिका के समर्पण को देखते हुए मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ. अभय सिन्हा, सीएमएस डॉ. एयूपी सिन्हा ने उन्हें काफी सराहा। उनको कोरोना योद्धा का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया। फिर करने लगी ड्यूटी

मोनिका मरीजों की सेवा भी कर रही है। कोरोना से बचाव के लिए अपने पड़ोसी व स्वजन को जागरूक भी कर रही हैं। कोरोना मरीजों की सेवा के लिए डयूटी का अवसर मिलने पर फिर से तैयार हैं।

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