भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता ने राजस्व निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

तहसील सदर में कार्यरत राजस्व निरीक्षक महेंद्र पाल सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 12 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसने मेड़बंदी के लिए बासखेड़ा निवासी कृषक से रिश्वत मांगी थी। कार्रवाई से तहसील प्रशासन में खलबली मच गई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 12:52 AM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 12:52 AM (IST)
भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता ने राजस्व निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता ने राजस्व निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

जेएनएन, शाहजहांपुर : तहसील सदर में कार्यरत राजस्व निरीक्षक महेंद्र पाल सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 12 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसने मेड़बंदी के लिए बासखेड़ा निवासी कृषक से रिश्वत मांगी थी। कार्रवाई से तहसील प्रशासन में खलबली मच गई।

गुरुवार अपराह्न तहसील क्षेत्र के बासखेड़ा गांव निवासी कृषक अरुणेश अग्निहोत्री एक बोरी मक्का का भुट्टा, तय पैसे लेकर तहसील गेट पहुंचे।

उन्होंने राजस्व निरीक्षक महेंद्र पाल सिंह को फोन करके गेट पर बुलाया। राजस्व निरीक्षक ने एक बोरी मक्का भुट्टा दुकान पर रखवा दिया। इसके बाद अरुणेश ने पाउडर लगे 12 हजार रुपये राजस्व निरीक्षक को थमा दिए। हाथ में नोट आते ही बरेली से आयी एसीबी की टीम ने राजस्व निरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया। चौक कोतवाली ले जाकर हाथ धुलवाए। हाथ लाल होने के साथ ही पानी के नमूने लिए। एसीबी के प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र सिंह यादव की ओर से कोतवाली में शिकायतकर्ता की प्रार्थना पात्र पर मुकदमा दर्ज कराया गया। टीम में निरीक्षक मोहम्मद इश्त्याक, ओम प्रकाश सिंह, उप निरीक्षक विजय बहादुर, मुख्य आरक्षी विजय कुमार, राकेश तिवारी, पदम सिंह, देवेंद्र सिंह आदि शामिल रहे। शिकायत के चौबीस घंटे भीतर कार्रवाई को दिया अंजाम

अरुणेश अग्निहोत्री ने बुधवार को बरेली जाकर शिकायत का विधिवत प्रार्थना पत्र दिया। उसी दिन भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता के निरीक्षक ने यहां आकर जांच की। गुरुवार को टीम ने डीएम से संपर्क किया। अल्पसंख्यक विभाग के दो कार्मिक गवाह के रूप में लिए। 500 रुपये के 24 नोट नंबर दर्ज करने के बाद पाउडर लगाकर अरुणेश को दे दिए। अपराह्न 3 बजकर 9 मिनट पर राजस्व निरीक्षक जाल में फंस गया। टीम ने रंगे हाथ पकड़कर मुकदमा दर्ज करा दिया। गवाहों को सम्मन के लिए भी मांगे थे चार हजार

अरुणेश अग्निहोत्री ने बताया कि 28 दिन पूर्व एसडीएम कोर्ट से मेड़बंदी नाप का आदेश हुआ था। राजस्व निरीक्षक ने आठ गवाहों को सम्मन तामील कराने के लिए चार हजार रुपये मांगे। दो हजार दे दिए। इसके बावजूद सम्मान तामील नहीं कराए गए। नतीजतन भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में बरेली जाकर शिकायत की। 12 हजार रुपये कर्ज पर लेकर राजस्व निरीक्षक को देने के लिए आए। इससे पहले भी हो चुकी कार्रवाई

इससे पहले सदर तहसील में लेखपाल को रिश्वत लेते हुए गिफ्तार किया जा चुका है। तत्कालीन डीएसओ बृजेश शुक्ला, कलक्ट्रेट कर्मी भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं।

भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता ने राजस्व निरीक्षक को रिश्वत में गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने मेड़बंदी की नाप के लिए रिश्वत मांगी थी। एसीबी टीम ने कार्रवाई की है।

दशरथ कुमार, एसडीएम सदर

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