सड़क पर बेसहारा बेजुबान, जा रही इंसानों की जान
बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है। बेजुबानों के सड़कों पर छुट्टा विचरण की वजह से आए दिन इंसानों की जान जा रही है। लेकिन प्रशासन इन पशुओं को पकड़वाने को लेकर गंभीर नहीं है। सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव सहित तमाम ऐसे लोग है जिन लोगों की मौत बेसहारा पशुओं से टकराने की वजह से हुई है। प्रशासन ने गोशाला व नंदीशाला में कुछ पशुओं को पकड़वाकर बंद कर कागजी खानापूíत की लेकिन हकीकत कुछ और है। नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे से लेकर कस्बों की सड़कों पर भी पशु घूमते रहते है। बेसहारा पशुओं से टकराने की वजह से सबसे ज्यादा घायल बंडा थाना क्षेत्र में हुए है।
हेलमेट न लगाना भी रही वजह
हाल ही में जिन लोगों की बेसहारा पशुओं से टकराने में जान गई, उनमें अधिकांश लोग हेलमेट भी नहीं लगाए थे। सिर में गंभीर चोट लगन के कारण उनकी जान गई।
हाल ही में हुई मौतें
- जीएफ कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवप्रताप की निगोही के चेना रूरिया के पास नीलगाय से टकराकर मौत हो गई थी।
- सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव वीरेंद्र सिंह चौहान की मोहम्मदी रोड पर ट्रक की साइड लगने के बाद बेसहारा पशु से टकरा गिरने से मौत हो गई।
-गढि़या रंगीन थाना क्षेत्र के राईखेड़ा गांव निवासी 22 वर्षीय राजेंद्र की कांट-मदनापुर रोड पर सांड़ से बाइक टकरा गई थी। जिससे राजेंद्र की मौत हो गई थी। पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
- अल्हागंज क्षेत्र के चिलौआ गांव निवासी महरम सिंह सोमवंशी को सांड़ ने पटकर मार डाला था।
- पुवायां के गांव रहदेवा निवासी रामकुमार की बेसहारा पशु से टकराकर मौत हो गई थी।