हादसे के बाद झांके और चले गए एनएचएआइ के अफसर
अधूरे फोरलेन और अधबने ओवरब्रिज के कारण लगने वाला जाम दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन हादसे की वजह बन रहा। गुरुवार को हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर पांच लोगों मौतों के बाद शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के डिप्टी जनरल मैनेजर मौके पर आए और मुआयना कर लौट गए।
जेएनएन, मीरानपुर कटरा (शाहजहांपुर): अधूरे फोरलेन और अधबने ओवरब्रिज के कारण लगने वाला जाम दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन हादसे की वजह बन रहा। गुरुवार को हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर पांच लोगों मौतों के बाद शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के डिप्टी जनरल मैनेजर मौके पर आए और मुआयना कर लौट गए। काम कैसे गति पकड़े, इसकी कोई योजना नहीं तय हुई। दूसरी ओर फाटक पर गुरुवार से लगा जाम शुक्रवार तक जारी रहा। इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया।
गुरुवार सुबह को चंडीगढ़ से लखनऊ जा रही चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस के लिए हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग को बंद किया जाना था, मगर वहां रोजाना की तरह जाम लगा था। फोरलेन व ओवरब्रिज का अधूरा काम व रास्ता संकरा होने के कारण वाहन फंसे हुए थे। ऐसी स्थिति में गेटमैन फाटक बंद नहीं कर सका। दूसरी ओर रेड सिग्नल की अनदेखी कर चालक ट्रेन दौड़ाता ले आया, जोकि तीन ट्रकों व दो बाइकों से जा टकराई। हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी।
10 वर्षो से निर्माणाधीन बरेली-सीतापुर फोरलेन का यह हिस्सा अब तक क्यों नहीं बन सका, इस सवाल पर एनएचएआइ के अफसर हर बार पल्ला झाड़ते रहे। इस हादसे के बाद शुक्रवार को एनएचएआइ के डिप्टी मैनेजर तकनीक तुषार कुमार हुलासनगरा क्रासिंग पहुंचे। कार्यदायी संस्था पीआरएल के एडिशनल प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह घोष से निर्माण की प्रगति जानी। सर्विस रोड के काम में तेजी लाने के लिए कहा। हालांकि संजय सिंह ने कहा कि यातायात ज्यादा होने के कारण काम में दिक्कत आ रही। यह समस्या कैसे दूर होगी, डायवर्जन या वन-वे व्यवस्था कहां से दी जा सकती है, किन विभागों से सहयोग लेना चाहिए, यह सब तय करने के बजाय निरीक्षण की औपचारिकता कर तुषार कुमार चले गए।
रेलकर्मियों पर कार्रवाई, हाईवे वाले चुप
सिग्नल ओवरशूट करने पर लोको पायलट मोहम्मद मुस्लिम समेत दो को सस्पेंड किया जा चुका है। निर्माण न होने, जाम के लिए कार्यदायी संस्था व एनएचएआइ जिम्मेदार है। मगर, लापरवाही के बाबत सब चुप हैं। शुक्रवार को काम के नाम पर सिर्फ एप्रोच रोड पर मिट्टी डाली गई। जिसका गुबार रास्ते से गुजरना मुश्किल कर रहा था, छिड़काव तक नहीं हुआ।
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एनएचएआइ के डिप्टी जनरल मैनेजर तुषार कुमार आए थे। उन्होंने उत्तर दिशा में बहगुल पुल व हुलासनगरा के बीच बने अंडरपास तक सर्विस रोड बनाने के लिए कहा है। दक्षिण दिशा की सर्विस रोड पर पूरा काम कराने की बात कही है। हमने उन्हें बताया है कि लगातार ट्रैफिक गुजरने के कारण काम कराने में दिक्कत है। अगर रूट डायवर्ट किया जाए तो निर्माण शुरू हो सकता है।
संजय सिंह घोष, एडिशनल प्रोजेक्ट मैनेजर, पीआरएल
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एप्रोच रोड पर ही बाकी काफी काम
बरेली से सीतापुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति काफी जर्जर है। हुलासनगरा क्रासिग के ओवरब्रिज की एप्रोच मिट्टी डालने का काम चल रहा है। बरेली की दिशा में साइड बाउंड्रीवाल पर तीन लेयर तक मिट्टी पड़नी है। जबकि शाहजहांपुर में कटरा की दिशा में एक लेयर और बची हुई है। पानी का छिड़काव न होने व लगातार वाहनों के गुजरने के कारण धूल उड़ती रहती है जो लोगों के मुसीबत का सबब बनती है।