योग ने ऋतंभरा को बनाया निरोग

अनियमित दिनचर्या व प्रदूषण के दौर में योग लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बनता जा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 05:39 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 05:39 PM (IST)
योग ने ऋतंभरा को बनाया निरोग
योग ने ऋतंभरा को बनाया निरोग

संतकबीर नगर: अनियमित दिनचर्या व प्रदूषण के दौर में योग लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। कोरोना महामारी फैलने के बाद योग व प्राणायाम की महत्ता भी लोगों को खूब समझ में आई है। लोगों को असाध्य बीमारी में भी इससे लाभ मिल रहा है। बखिरा थानाक्षेत्र के जगदीशपुर की ऋतंभरा को गठिया जैसी गंभीर बीमारी हो गई। इनकी उम्र 36 वर्ष है। रोजमर्रा का काम करना भी मुश्किल हो गया है। जाड़े में समस्या और बढ़ जाती थी। दवा खाने से दर्द से राहत तो मिल जाती थी लेकिन दवा का असर खत्म होते ही फिर वही हाल हो जाता था। अच्छे अस्पतालों में भी उपचार कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेंहदावल निवासी योगाचार्य डा. राघवेंद्र प्रताप 'रमन' ने उन्हें योग का अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। जो ऋतंभरा के लिए वरदान साबित हुआ। यौगिक सूक्ष्म व्यायाम, पवनमुक्तासन, कपालभाति के नियमित अभ्यास से उनकी दवाओं पर निर्भरता अब पूरी तरह से खत्म हो गई। अब वह सामान्य रूप से अपना कार्य कर पाती है। योग अब उनकी दिनचर्या का अभिन्न अंग बन गया है। गठिया रोग से काफी हद तक निजात मिलने के बाद अब वह सूर्य नमस्कार आदि आसन भी आसानी से करने लगी हैं। दूसरों को दे रहीं योग से निरोग होने का मंत्र

ऋतंभरा को योग से राहत मिली तो अब वह दूसरों को भी योग एवं प्रणायाम करने के लिए जागरूक कर रही हैं। वीडियो कालिग द्वारा वह रिश्तेदारों व दोस्तों तथा घरेलू कामकाजी महिलाओं को आसन के बारे में जानकारी देती हैं। ऋतंभरा को योग से राहत मिलने के बाद गांव के लोग भी जागरूक हो रहे हैं। कोरोना काल में योग की महत्ता समझ में आने के बाद लोग योग को अपने जिदगी का अहम हिस्सा बना रहे हैं। योग व प्रणायाम स्वस्थ शरीर के लिए नितांत जरूरी है। योग ने हमें गठिया जैसी बीमारी व उससे होने वाले असहनीय दर्द से छुटकारा दिया है। सभी को योग व प्रणायाम को अपने जिदगी में जरूर शामिल करना चाहिए। बच्चों को शुरू से ही योग का प्रशिक्षण मिलना चाहिए ताकि आने वाले दौर में उन्हें बीमारियों से लड़ने व निजात पाने में मदद मिल सके।

ऋतंभरा, गृहिणी बिना पैसे की दवा है योग। योग से शरीर को रोग रहित बनाया जा सकता है। पुराने समय से ही लोग योग व कसरत की महत्ता समझते थे। उनकी दिनचर्या संयमित थी। जिससे लोग रोगरहित रहते थे और लंबे समय तक जीवित रहते थे। नियमित योग व प्रणायाम से बड़ी से बड़ी बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। सभी को योग के प्रति जागरूक होना चाहिए जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके।

डा. राघवेंद्र प्रताप रमन, योगाचार्य।

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