निर्माण व सृजन के देवता विश्वकर्मा जी की हुई पूजा

बिजली विभाग के खलीलाबाद व अन्य उपकेंद्रों पर पूजन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:39 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:39 PM (IST)
निर्माण व सृजन के देवता विश्वकर्मा जी की हुई पूजा
निर्माण व सृजन के देवता विश्वकर्मा जी की हुई पूजा

संतकबीर नगर : निर्माण व संरचना के स्वामी देव शिल्पी सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती शुक्रवार को मनाई गई। सृजनकर्ता, वास्तु शिल्प व कलाविदू के जनक की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। प्रतिमा रखकर कला के क्षेत्र में ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी के विकास एवं लोकमंगल की कामना की गई। औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक संस्थान सहित विभिन्न संस्थाओं, कार्यशाला, मशीनरी दुकानों, काष्ठ व लौह आदि कला से संबंधित लोगों ने साज-सज्जा के साथ मशीनरी, यंत्रों, उपकरणों का साफ-सफाई कर विधिवत कर पूजन किया।

शहर के औद्योगिक क्षेत्र, गोला बाजार, बरदहिया बाजार, मेंहदावल बाईपास, रेलवे स्टेशन रोड, बिजली उपकेंद्र, शुगर मिल मार्ग, बड़गो चौराहा आदि स्थानों पर प्रतिष्ठानों के यंत्रों को साफ-सुथरा करके उनकी पूजा की। बिजली विभाग के खलीलाबाद व अन्य उपकेंद्रों पर पूजन हुआ। विश्वकर्मा समाज के तत्वाधान में औद्योगिक नगर पूजन-अर्चन हुआ। ब्लूमिग ब्ड्स एकेडमी में भगवान की पूजा पुष्पा चतुर्वेदी के नेतृत्व में हुआ। डूमरी में डा. उदय प्रताप चतुर्वेदी के नेतृत्व में भगवान विश्वकर्मा की पूजा हुई। जनार्दन मिश्र इंस्ट्च्यूट आफ टेक्नालाजी मगहर में विद्यार्थियों ने आराधना की। कारखाना व सज्जा करके हुई प्रार्थना

वास्तु कलाविद, देव शिल्पी, ज्ञान-कौशल के दाता के पूजन में हर वर्ग में उत्साह रहा। नगरपालिका खलीलाबाद कर्मियों ने जलकल मार्ग पर पानी की टंकी के पास भव्य झांकी सजाकर विधिविधान से पूजा किया। इसके साथ कल-कारखाना में साज-सज्जा करके पूजन हुआ। बखिरा के पीतल नगरी सहित मंगलबाजार, अमरडोभा में पूजन व प्रसाद वितरण हुआ। उद्यमिता भारती विद्यापीठ के तत्वावधान में मगहर में आयोजित कार्यक्रम में इंजीनियर बृजेश अग्रहरि व इंजीनियर धीरज दूबे ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा सभी के कल्याण करने वाले हैं। जहां भी सृजन है वहां श्रीविश्वकर्मा हैं। चुरेब संवाददाता के अनुसार क्षेत्र में कला कौशल व तकनीकी से जुड़े लोगों ने पूजन किया। देव शिल्पी हैं विश्वकर्मा

हीरालाल रामनिवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. विजयकृष्ण ओझा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा देवलोक के शिल्पी होने के साथ निर्माण व सृजन के देवता हैं। ब्रह्मा के सातवें पुत्र विश्वकर्मा ने लोक का निर्माण किया है। शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा का फरसा, शूल, अस्त्र-शस्त्र का निर्माण करने वाले देवता हैं।

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