24 वर्ष से हो रहा बस डिपो का इंतजार
सवारी नहीं होती या शहर की सवारी बस में मौजूद रहती है।
संतकबीर नगर : जनपद सृजन के 24 वर्ष बाद भी बस डिपो स्थापित नहीं हो पाया है। इसका परिणाम यह है कि खलीलाबाद बाईपास पर ओवरब्रिज के नीचे सड़क पर लोग बस का इंतजार करते हैं। अधिकतर बस भी बाईपास होते हुए निकल जाती हैं और लोग इंतजार करते रहते हैं। वही बसें आती हैं जिसमे सवारी नहीं होती या शहर की सवारी बस में मौजूद रहती है। जहां लोग बस का इंतजार करते हैं वहां जरूरी सुविधाएं तक नहीं हैं। न बैठने की जगह है और न ही पेयजल की कोई व्यवस्था। शौचालय और मूत्रालय तक नहीं हैं।
वर्ष 1960 में खलीलाबाद स्टेशन रोड के पास परिवहन निगम का भवन बनाया गया था। करीब 35 वर्षों तक इस स्टेशन में बसें रुकती थी। यहां से यात्री गंतव्य स्थान के लिए जाते थे। पांच सितंबर 1997 में जनपद सृजन के बाद बस स्टेशन के परिसर में पुलिस लाइन की स्थापना कर दी गई। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खलीलाबाद बाईपास के निकट एक छोटे से कमरे का निर्माण कराकर कार्यालय चलाए जाने लगा। कुछ साल बाद यह कार्यालय भी बंद हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव के कार्यकाल में जनपद के लोगों ने बस डिपो स्थापित करने के लिए शासन से मांग की थी। इसके बाद तत्कालीन भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी ने परिवहन मंत्री से बस डिपो स्थापित करने का आग्रह किया था। इस पर शासन ने मुफ्त में भूमि मांगी थी। तत्कालीन डीएम मार्कण्डेय शाही इस पर पहल किए थे लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आया। संत कबीर की स्थली के साथ हो रही उपेक्षा
गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर खलीलाबाद बाईपास में तमाम यात्री रोज असुविधा झेलते हैं। पूरे विश्व को शांति और आपसी भाईचारा का संदेश देने वाली संत कबीर की स्थली में बस डिपो की स्थापना न होना दुखद है। इस बारे में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को सोचना चाहिए। देवेंद्र सिंह धूप व बारिश में ओवरब्रिज के नीचे खड़ा होने की विवशता
शहर से हर दिन हजारों लोग गोरखपुर और बस्ती की तरफ आते-जाते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग बस से यात्रा करते हैं। खलीलाबाद शहर में बस डिपो न होने की वजह से यात्री धूप व बारिश में ओवरब्रिज के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं। कुछ बसें ओवरब्रिज से निकल जाती हैं, जिसके चलते लोग परेशान होते हैं।
संध्या मिश्रा जनप्रतिनिधि और अधिकारी दोनों नहीं कर रहे पहल
रोजाना यात्रियों को हो रही दिक्कत को देखते हुए सांसद, विधायक को इस महत्वपूर्ण विषय पर सार्थक पहल करनी चाहिए। अफसोस की बात यह है कि जनपद के चौमुखी विकास करने का दावा करने वाले जन प्रतिनिधि इस विषय पर खामोश हैं। यही हाल वरिष्ठ अधिकारियों का है। मंत्री का जिला होने के बाद भी कोई पहल नहीं हो रही।
अशोक कुमार न जानें कब जागेंगे जन प्रतिनिधि और दूर होगी समस्या
बस के इंतजार में रोज खलीलाबाद बाईपास पर सर्वाधिक महिलाओं व बच्चों को दिक्कत झेलनी पड़ती है। इस जिले के मंत्री, सांसद, विधायक न जाने कब जागेंगे और इस समस्या को दूर करने के लिए पहल करेंगे। पूरी दुनिया में लोग कबीर को जानते हैं और उनके जिले में ही बस डिपो नहीं है, यह बेहद शर्मनाक है।
सौम्या वह अपने स्तर से बस डिपो के लिए भूमि की तलाश करवा रही हैं। डिपो के लिए मुख्य मार्ग पर जमीन चाहिए, लेकिन कोई सरकारी भूमि नहीं मिल पा रही है। वह जबसे जिले में आईं हैं, तभी से इसके लिए काम कर रही हैं। जल्द ही वह अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक कर एक बार पुन: बस डिपो के लिए प्रयास कर, प्रस्ताव शासन को भेजेंगी।
दिव्या मित्तल, जिलाधिकारी ------------------------------------