68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खातों का सत्यापन अधूरा

नौ ब्लाक में 1.64 लाख में से महज 96200 खाता प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:22 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:22 PM (IST)
68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खातों का सत्यापन अधूरा
68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खातों का सत्यापन अधूरा

संतकबीर नगर : जिले के 1323 परिषदीय विद्यालयों में एक लाख 64 हजार 319 बच्चों का नामांकन हुआ है। बच्चों के यूनीफार्म की धनराशि अभिभावकों के बैंक खाते में भेजनी है। अभी तक अभिभावकों का खाता नंबर अपडेट नहीं किया जा सका है। नौ ब्लाकों से मिले 96200 बैंक खाता का ही सत्यापन हो सका है। 68119 खाता सत्यापित किया जाना बाकी है।

जनपद के अनेक प्रधानाध्यापक एप पर पंजीकरण, खाता नंबर व कोड आदि की प्रक्रिया नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, एक बच्चे का एक से अधिक स्थान पर नामांकन होने से भी समस्या हो रही है। 1247 परिषदीय, 34 सहायता प्राप्त, सात कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय एक राजकीय के साथ 35 माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को ड्रेस दिया जाता है। इस बार शासन ने दो सेट स्वेटर, जूता- मोजा, बैग के लिए 1100 रुपये दिए जाएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा कि विद्यालय में नामांकित सभी बच्चों के यूनीफार्म की धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी। खाता नंबर, आइएफसी कोड, आधार कार्ड का मिलान कराया जा रहा है। आउट आफ स्कूल के बच्चों के नामांकन में सुस्ती

संतकबीर नगर : परिषदीय विद्यालयों में छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना है। विद्यालयों में बच्चों के शत-प्रतिशत नामांकन का लक्ष्य रखा गया है। उदासीनता से आउट आफ स्कूल बच्चों के चिह्नीकरण, पंजीकरण एवं नामांकन का कार्य सुस्त है। जबकि इसके लिए 18 मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया है।

शासन स्तर से कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन कराने की पहल चल रही है। आपरेशन कायाकल्प से विद्यालयों की दशा सुधारी जा रही है। अधिकांश जगहों पर परिषदीय विद्यालयों में अव्यवस्था है। इसके चलते अभिभावक अपने बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिल करवाने के लिए विवश हैं।

जिले के नौ ब्लाक में 1247 परिषदीय विद्यालय है। वर्तमान में विद्यालयों में एक लाख 48 हजार 497 बच्चे नामांकित है। जबकि पिछले साल यानी वर्ष 2020 में एक लाख 41 हजार 681 बच्चों का नामांकन हुआ था। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा कि नामांकन का जो लक्ष्य तय किया गया था, वह शत प्रतिशत पूरा होगा। इसमें कहीं से कोई कमी नहीं आने पाएगी। नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बढ़ाने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। दिव्यांग बच्चों को चिह्नित करने के लिए शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई है। इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है।

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