आजीवन कारावास की सजा काट रही दो महिला कैदी रिहा

दहेज के लिए पतोहू की हत्या करने के मामले में दोनों महिला कैदी काट रही थी सजा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 11:50 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 11:50 PM (IST)
आजीवन कारावास की सजा काट रही दो महिला कैदी रिहा
आजीवन कारावास की सजा काट रही दो महिला कैदी रिहा

संतकबीर नगर: इस साल 15 अगस्त को राज्यपाल ने दया याचिका पर जिले की दो महिला कैदियों को आजीवन कारावास की सजा से मुक्त कर दिया है। यह दोनों महिलाएं दहेज के लिए पतोहू की हत्या करने के मामले में बस्ती जिला कारागार में सजा काट रही थी। दोनों को जिला कारागार-बस्ती से रिहा कर दिया गया है।

धनघटा थानाक्षेत्र के टाड़ा गांव निवासी हलीमुन निशा का पतोहू रूबैया खातून से विवाद हो गया था। विवाद बढ़ने पर पतोहू की पिटाई कर दी गई। इस घटना में पतोहू की मौत हो गई थी। इस पर मुकामी पुलिस ने हलीमुन निशा के खिलाफ दहेज हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वह जिला कारागार-बस्ती में सजा काट रही थी। इनके परिवार के सदस्यों ने इनकी रिहाई के लिए राज्यपाल के पास दया याचिका लगाई थी। राज्यपाल ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा से मुक्त कर दिया है। वर्तमान में महिला जेल से रिहा होकर गांव पहुंची हैं। वह जेल में (दिन व रात जोड़कर) तीन साल सात माह 25 दिन सजा काटी हैं। वहीं धनघटा थानाक्षेत्र के रामपुर तिलहा गांव निवासी पुष्पा देवी पत्नी रामचरण यादव का पतोहू रीना से विवाद हो गया था। विवाद बढ़ने पर हुई मारपीट में पतोहू की मौत हो गई थी। इस मामले में गोरखपुर जनपद के बेलघाट थानाक्षेत्र के सुअरहा गांव निवासी मृतक पतोहू के पिता रामकरण की तहरीर पर धनघटा पुलिस ने 31 अक्टूबर 2012 को सास पुष्पा देवी के खिलाफ दहेज हत्या, दहेज उत्पीड़न आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह जिला कारागार-बस्ती में सजा काट रही थी। राज्यपाल ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा से मुक्त कर दिया है। वर्तमान में 54 वर्षीय यह महिला जेल से रिहा होकर अपने गांव पहुंची हैं। वह जेल में (दिन व रात जोड़कर) नौ साल तीन माह 17 दिन सजा काटी हैं। जिला कारागार-बस्ती में सजा काट रही इन दोनों महिलाओं के परिवार के सदस्यों ने राज्यपाल के पास दया याचिका लगाई थी। डीएम व एसपी की रिपोर्ट सहित अन्य बिदुओं का अध्ययन करने के बाद राज्यपाल ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा से मुक्त कर दिया। एक-एक लाख की जमानत राशि पर दोनों महिलाएं रिहा की गई हैं।

श्वेता त्रिपाठी,जिला प्रोबेशन अधिकारी

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