कोरोना से मृत अनुसूचित जाति के मुखिया की तलाश

रोजगार शुरू करने के लिए पांच लाख रुपये तक का कर्ज पांच साल के लिए दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:25 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:25 PM (IST)
कोरोना से मृत अनुसूचित जाति के मुखिया की तलाश
कोरोना से मृत अनुसूचित जाति के मुखिया की तलाश

संतकबीर नगर: कोरोना से मरे ऐसे अनुसूचित जाति के मुखियाओं की तलाश हो रही है, जिनकी सालाना आय सिर्फ तीन लाख रुपये तक है। ऐसे दिवंगत मुखिया के आश्रितों को रोजगार शुरू करने के लिए पांच लाख रुपये तक का कर्ज पांच साल के लिए दिया जाएगा। इसमें 20 फीसद राशि सरकार अनुदान के रूप में देगी। जबकि शेष 80 फीसद राशि पर सिर्फ चार फीसद ब्याज देना होगा। बाकी जाति के कोरोना से मरे लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

शासन ने कोरोना से मरे अनुसूचित जाति के ऐसे मुखियाओं के आश्रितों को राहत पहुंचाने के लिए 'आशा' नामक नई योजना चलाई है। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के जरिए संचालित इस योजना के लिए कोरोना से मरने की तिथि में मुखिया की आयु 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए। शहरी क्षेत्र का निवासी होने पर संबंधित नगरीय निकाय के ईओ से वहीं ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होने पर संबंधित ब्लाक

के बीडीओ से कोरोना से मृत्यु होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। आवेदन पत्र के साथ इसे लगाना होगा। फिलहाल विभागीय अधिकारी व कर्मचारी ऐसे दिवंगत मुखियाओं की तलाश में जुटे हैं। इसकी चिह्नित दिवंगत मुखियाओं की सूची पूर्ण विवरण के साथ 30 जून 2021 तक शासन को भेजनी है। सस्ते कर्ज से रुचि के अनुसार शुरू कर सकते हैं रोजगार

कोरोना से मरे अनुसूचित जाति के मुखिया के आश्रित सस्ते कर्ज से रुचि के अनुसार स्वयं का रोजगार शुरू कर सकेंगे। किराना दुकान, जनरल स्टोर, ब्यूटी पार्लर, सौंदर्य प्रसाधन की दुकान, अगरबत्ती उद्योग, अचार, बकरी, गाय पालन, मिनी डेयरी आदि कर सकेंगे। आश्रितों को आसानी से कर्ज दिलाने के लिए विभागीय अधिकारी पूरा सहयोग करेंगे। कोरोना से मरे अनुसूचित जाति के मुखियाओं के आश्रितों को राहत पहुंचाने के लिए शासन ने यह नई योजना संचालित की है। शासन ने इसके लिए मानक तय किया हुआ है। मानक पर खरा उतरने वाले मुखियाओं के चिह्निकरण के लिए विभागीय अधिकारी व कर्मचारी लगे हुए हैं। शासन को चिह्नित मुखियाओं की सूची पूर्ण विवरण के साथ शासन को 30 जून तक भेजनी है।

दिव्या मित्तल, डीएम

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