मइया के जयकारों से गूंजा घर-मंदिर

शहर के समय माता मंदिर में सुबह से ही पूजन-पाठ का सिलसिला शुरू हो गया। भक्तों ने पूजन कर मां भगवती देवी दुर्गा के दर्शन किया। महिलाएं बच्चे छोटे-बड़े सभी श्रद्धा पूर्वक पूरे उत्साह से फूल-माला अगरबत्ती कपूर नारियल आदि लेकर मंदिरों में पहुंच कर दर्शन किए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 11:35 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 03:25 PM (IST)
मइया के जयकारों से गूंजा घर-मंदिर
मइया के जयकारों से गूंजा घर-मंदिर

संतकबीर नगर : आस्था, श्रद्धा व शक्ति अर्जन का पर्व गुरुवार से शुरू हुआ। शारदीय नवरात्र प्रारंभ होते ही या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तैस्ये..नमस्तैस्ये..

नमस्तैस्ये नमो नम: के मंत्रोच्चारण व मइया जय अंबे गौरी के शब्दों से वातावरण गुंजायमान रहा। पूजन, घंट-घड़ियाल व शंखनाद से माहौल भक्तिमय बना रहा।

देवी मंदिरों एवं घरों में कलश स्थापना, ध्वजारोहण, सप्तशती पाठ, शतचंडी पूजन व देवी देवताओं का आह्वान करके प्रधान देवी प्रथम स्थापना शैलपुत्री का पूजन हुआ। मंदिरों के बाहर चुनरी, नारियल, श्रृंगार प्रसाधन सहित विभिन्न सामग्रियों की दुकानें भी सजीं रही। मां के दरबार में हाजिरी लगाने का सिलसिला सुबह से देर रात तक चलता रहा।

मंदिरों में रही मां के जयकारा की गूंज

शहर के समय माता मंदिर में सुबह से ही पूजन-पाठ का सिलसिला शुरू हो गया। भक्तों ने पूजन कर मां भगवती देवी दुर्गा के दर्शन किया। महिलाएं, बच्चे, छोटे-बड़े सभी श्रद्धा पूर्वक पूरे उत्साह से फूल-माला, अगरबत्ती, कपूर, नारियल आदि लेकर मंदिरों में पहुंच कर दर्शन किए। अनेकों श्रद्धालुओं ने पूजन के साथ व्रत भी रखा। शहर के दुर्गा मंदिर बरदहिया बाजार, वैष्णव मंदिर, मां पाटेश्वरी मंदिर, श्रीरामजानकी मंदिर, तितौवा हनुमानगढ़ी, लक्ष्मीनारायण मंदिर, उसकाकला वनदेवी आदि स्थानों पर भी भक्तों ने धार, कपूर, फूल-माला, धूप, आरती, जयघोष के साथ भक्तों ने मां का दर्शन किया। मां दुर्गा की उपासना में व्रत का अनुष्ठान किया। श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच शतचंडी पूजन किया। जयकारों व घंटा-घड़ियाल की गूंज, सुगंधित धूप-दीपों से समूचा वातावरण भक्तिमय बना रहा।

धूमधाम से निकली शतचंडी महायज्ञ की कलशयात्रा

सांथा ब्लाक के मेंहदूपार गांव में आयोजित शतचंडी महायज्ञ के लिए गुरुवार को गाजे- बाजे के साथ कलशयात्रा निकाली गई। जयघोष के बीच निकली यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।

कलशयात्रा मेंहदूपार, कसया होते हुए जमया घाट पर पहुंची। यहां पर 101 कन्याओं को वैदिक मंत्रोचार के बीच यज्ञ पुरोहित ने जल भरने का कार्यक्रम करवाया। जल भरने के बाद यात्रा यज्ञशाला पहुंची। यहां पर विधि-विधान से कलश स्थापित कराई गई। वृंदावन से आए कथावाचक संतोष शुक्ला ने यज्ञ की महिमा के बारे में लोगों को बताया कि इससे सामाजिक समरसता कायम होती है। मानव समाज पूरी तरह से संपन्न होता है। पर्यावरण की रक्षा होती है। मानवता की रक्षा के लिए समय-समय पर यज्ञ का आयोजन होना चाहिए, जिससे लोगों में भक्ति भावना बनी रहे तथा मानव समाज का कल्याण होता रहे। इस दौरान मनीष शुक्ला, रणजीत शुक्ला, ब्रह्मानंद शुक्ला, हरीश चंद्र शुक्ला, रमेश पांडे, दिनेश शुक्ला, हरीश चंद्र शुक्ला, भागवान पांडे, हरीश चंद्र पांडे, विशाल, कमल, आदि लोग मौजूद रहे।

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