स्वीकृति के दो वर्ष बाद भी नहीं शुरू हुआ पुल का निर्माण

सांथा ब्लाक के बुद्धा नाले के सियरहवा घाट पर बनना था पुल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:41 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:41 PM (IST)
स्वीकृति के दो वर्ष बाद भी नहीं शुरू हुआ पुल का निर्माण
स्वीकृति के दो वर्ष बाद भी नहीं शुरू हुआ पुल का निर्माण

संतकबीर नगर : सांथा ब्लाक के गोपालपुर गांव में स्थित बुद्धा नाले के सियरहवा घाट पर पुल का निर्माण कार्य स्वीकृति होने के दो वर्ष बाद भी शुरू नहीं हो सका है। जबकि एक वर्ष पूर्व सांसद प्रवीण निषाद व मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल ने इसका शिलान्यास भी किया था। शिलान्यास होने के बाद लोगों में पुल निर्माण की आस जगी थी, लेकिन निर्माण न होने से निराशा हाथ लग रही है।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में मेंहदावल विधायक की पहल पर पुल निर्माण के लिए चार करोड़ 51 लाख रुपये शासन से मंजूर हुए। निर्माण कार्य शुरू होने से पहले जंगल की जमीन का मामला उठा और वन विभाग ने यहां पुल निर्माण कराने से मना कर दिया। विधायक ने प्रशासन व वन विभाग से मामले को सुलझाने व विवाद को समाप्त कराने का प्रयास किया। कई बार प्रशासन व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन आज तक इस मामले का निस्तारण नहीं हो सका, जिससे पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। ग्रामीणों ने पुल निर्माण की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी किया लेकिन अभी तक अड़चन दूर नहीं हो पाया। पुल का निर्माण होने से सांथा ब्लाक के 26 गांवों के लोगों को सिद्धार्थनगर जनपद आवागमन करने में सुगमता प्राप्त होती। क्या कहते हैं ग्रामीण

सांथा ब्लाक के गोबडौरी (गोपालपुर) निवासी अमरेंद्र यादव का कहना है कि लंबे समय से पुल निर्माण की मांग ग्रामीण कर रहे थे। पुल निर्माण की स्वीकृति मिली तो अड़चन के कारण अभी तक निर्माण शुरू नहीं हुआ। जिससे लोगों को आवागमन की समस्या झेलनी पड़ रही है। गोपालपुर के रामशंकर का कहना है कि निर्माण होने से गोपालपुर सहित आसपास के गांव के लोगों को सिद्धार्थनगर जनपद जाने में सुविधा प्राप्त होती। इसलिए ग्रामीण यहां पर पुल निर्माण चाहते हैं। लेकिन अभी तक कोई निर्माण नहीं शुरू हुआ। घनश्याम चौधरी का कहना है कि पुल निर्माण नहीं होने के कारण छह माह पूर्व ग्रामीणों के द्वारा कई बार आंदोलन किया गया। लेकिन उसके बाद भी वन विभाग व जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा समस्या निस्तारण पर ध्यान नहीं दिया गया। जिससे पुल का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया। महेंद्र यादव का कहना है कि स्वीकृति के बाद भी पुल निर्माण शुरू न होना अपने आप में लापरवाही का मामला है। जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा होता है। एक बड़ी कार्ययोजना जमीन पर उतरने के पहले ही लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पुल निर्माण होने से स्थानीय लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। जिस जगह पर पुल का निर्माण होना था वहां जंगल की जमीन पड़ रही थी। बिना एनओसी वन विभाग पुल निर्माण की मंजूरी नहीं दे रहा था। प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरे स्थान पर पुल निर्माण कराने को लेकर सत्यापन व सीमांकन किया था। पूरी फाइल लोक निर्माण विभाग को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजी गई है।

अजय कुमार त्रिपाठी, एसडीएम मेंहदावल।

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