खेतों में धधक रही पराली, फरमान का निकल रहा दम
मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बनाए रखने व पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने जाने पर कोर्ट व शासन ने रोक लगा रखी है। बावजूद इसके तमाम किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शाम होते ही गांव के सिवान पर पराली जलने लगता है।
संत कबीर नगर: मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बनाए रखने व पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने जाने पर कोर्ट व शासन ने रोक लगा रखी है। बावजूद इसके तमाम किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शाम होते ही गांव के सिवान पर पराली जलने लगता है।
बेलहर विकास खंड में तो खुलेआम किसान खेतों में पराली जला रहे हैं। गुरुवार को मुंडेरी गांव के सीवान में खेतों में पराली जलाने का दृश्य दिखाई दिया। बेलहर में स्थानीय तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे पराली जलाने का मामला लगातार सामने आ रहा है, उसके बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे कोर्ट व शासन के फरमान का दम निकल रहा है।
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तहसील व पुलिस प्रशासन पर सवाल
पराली जलाने से रोकने के लिए हर रोज निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में तहसील व पुलिसकर्मी झांकने तक नहीं जाते। मेंहदावल तहसील में जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। लगातार धुंध बढ़ रहा है, जिसमें पराली का धुंआ भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। एसडीएम प्रेम प्रकाश अंजोर ने बताया कि पराली जलाने को लेकर जो लोग निर्देश की अनदेखी कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।