दो खाद्य कारोबारियों को नोटिस भेजकर मांगा जवाब
लैब से आई जांच रिपोर्ट में बेसन का नमूना मिला है असुरक्षित
संतकबीर नगर: खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दो खाद्य कारोबारियों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। राजकीय प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में बेसन का नमूना सेहत के लिए हानिकारक (असुरक्षित) मिला है। जबकि फेन के पैकेट में खाद्य सामग्रियों का विवरण गलत छापा जाना पाया गया है। इन दोनों कारोबारियों के खिलाफ कोर्ट में जल्द वाद दायर किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) राजमणि प्रजापति ने 22 मार्च 2021 को नाथनगर स्थित किराना दुकान में पहुंचे थे। संदेह होने पर दुकान में रखे बेसन का नमूना लिया था। इसे राजकीय प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। लैब से आई जांच रिपोर्ट में इस बेसन में ''मैटेनील येलो'' नामक रसायनयुक्त रंग मिलाया जाना पाया गया है। यह कृत्रिम रंग सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए इसे रिपोर्ट में असुरक्षित दर्शाया गया है। आयुक्त खाद्य सुरक्षा-लखनऊ से अनुमति मिलने पर संबंधित कारोबारी के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दायर करवा दिया जाएगा। वहीं, एफएसओ विनोद कुमार ने 23 मार्च 2021 को खलीलाबाद शहर में सिद्धार्थनगर जिले के बेकरी सप्लाई वाहन से पैकेटयुक्त फेन का नमूना लिया था। इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए इसे राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था। लैब से आई जांच रिपोर्ट में फेन के पैकेट में खाद्य सामग्री का गलत विवरण छापा जाना पाया गया है। अभिहित अधिकारी (डीओ) जेपी तिवारी ने कहा कि दोनों खाद्य कारोबारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। जल्द ही इन दोनों कारोबारियों के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर करवा दिया जाएगा। धान फसल की क्षति के 72 घंटे के अंदर सूचना दें किसान
संतकबीर नगर: जनपद के जिन बीमाधारक किसानों की धान की फसल बारिश व तेज हवा के कारण क्षति हुई है, वे क्षति होने के 72 घंटे के अंदर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के टोल फ्री नंबर 18008896868 पर सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा वे जनपद के लिए नामित बीमा कंपनी यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर 18002005142 पर भी इस अवधि में जानकारी दे सकते हैं।
जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि यदि किसान किन्हीं कारणवश इन दोनों टोल फ्री नंबर पर सूचना नहीं दे पाते हैं तो वे कृषि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी, कर्मचारी, फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, ब्लाक स्तर पर स्थापित राजकीय कृषि बीज भंडार या फिर कलेक्ट्रेट के निकट स्थित कृषि भवन में अपनी फसल की नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर दे सकते हैं। इस पर धान की फसल की क्षति पूर्ति के लिए उचित कार्यवाई होगी। जनपद में 93500 हेक्टेयर में धान की खेती हुई है। जिले में लगभग 2.75 लाख किसान हैं। करीब 29 हजार किसानों ने धान की फसल का बीमा करवाया है। जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसानों की सूचना पर त्वरित कार्रवाई होगी। उन्हें बीमा का लाभ समय से मिल सकेगा।