कब्र से 13 दिन बाद निकाला गया महिला का शव

बूधाकला निवासी रामकिशोर को न्याय मिलने की जगी उम्मीद एसडीएम की मौजूदगी में शव निकलवाकर भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:20 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:20 PM (IST)
कब्र से 13 दिन बाद निकाला गया महिला का शव
कब्र से 13 दिन बाद निकाला गया महिला का शव

जागरण संवाददाता, संतकबीर नगर: खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बूधाकला निवासी रामकिशोर को अब पत्नी सुनीता की मौत और उसके गायब बच्चे के मामले में न्याय की उम्मीद है। प्रकरण को लेकर जागरण की लगातार प्रकाशित खबरों का प्रशासन ने गुरुवार को संज्ञान लिया और मौत के 13 दिन बाद कब्र से शव निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। एसपी के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चुरेब की स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ता व खलीलाबाद स्थित ओम अस्पताल के प्रबंधक और चिकित्सक पर बच्चा चोरी करने के साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

उपजिलाधिकारी नवीन कुमार श्रीवास्तव और कांटे चौकी प्रभारी श्याम मोहन की मौजूदगी में शव को कब्र से बाहर निकलवाकर पंचनामा करवाने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

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यह है मामला

बूधाकला निवासी सुनीता पत्नी रामकिशोर के गर्भ में दो बच्चे के होने की जानकारी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से हुई थी। आठ अक्टूबर को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चुरेब पर पहुंचाया गया। यहां एक बच्चा तो सामान्य रूप से पैदा हुआ परंतु दूसरे बच्चे के फंसे होने की बात बताकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। गांव की आशा कार्यकर्ता सुनीता को जिला अस्पताल न ले जाकर खलीलाबाद स्थित ओम अस्पताल ले गई। रामकिशोर का आरोप है कि आपरेशन के बाद सुनीता की तबीयत खराब होता देखकर डाक्टर ने गोरखपुर के लिए भेज दिया। गोरखपुर ले जाने के दौरान महिला की मौत हो गई। सुनीता की मौत के बाद दूसरे बच्चे का पता ही नहीं चला।

शव घर लाने पर महिलाओं ने पेट पर आपरेशन का चीरा लगा देखा। रामकिशोर ने पत्नी के शव को जलाने की बजाय उसे कब्र में सुरक्षित रखकर अधिकारियों की दर पर दस्तक दिया। कोतवाली में बच्चा चोरी होने और लापरवाही से आपरेशन करने से पत्नी की मौत को लेकर मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर भी दी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। जागरण ने प्रकरण को प्रमुखता से उठाया। ---------------

ग्रामीणों ने दिया 'जागरण' को धन्यवाद

मृतक सुनीता के पति रामकिशोर समेत गांव के रामचंद्र, प्रमिला, रामअजोर, देवशरन, प्रमोद समेत अन्य लोगों ने जागरण को धन्यवाद दिया। उनका कहना है कि जागरण में खबरें प्रकाशित होने के बाद ही प्रशासन ने प्रकरण का संज्ञान लिया।

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