रामलाल के परिवार पर टूटा मौत का कहर
डीघ निवासी रामलाल अभी बड़े बेटे की मौत का गम भुलाकर सामान्य नहीं हो पाए थे कि सोमवार की देर रात दो और बेटे मार्ग दुर्घटना के शिकार हो गए।
संत कबीरनगर : कोतवाली खलीलाबाद के ग्राम डीघ निवासी रामलाल अभी बड़े बेटे की मौत का गम भुलाकर सामान्य नहीं हो पाए थे कि सोमवार की देर रात दो और बेटे मार्ग दुर्घटना के शिकार हो गए।
रामलाल के चार पुत्र रामप्रसाद, अर्जुन, विजय और अजय थे। बड़े पुत्र रामप्रसाद की पांच वर्ष पहले बस्ती में मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई थी। अर्जुन और विजय पिकअप चलाते थे। अर्जुन गाड़ी चलाते थे और विजय साथ रहकर खलासी का कार्य करते थे। विजय की शादी नहीं हुई है। यह लोग प्रवासी मजदूरों की सेवा के लिए डीघा में लगे शिविर में सहयोग करते थे। शायद उन्हें यह नहीं पता था कि यह दिन उनके जीवन का अंतिम है। दोनों को एक तेज गति से आ रही कार ने रौंद दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। अब रामलाल के चार पुत्रों में से सिर्फ अजय रह गए हैं।
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तीन बेटियों की शादी का संकट
अर्जुन की चार बेटियां हैं। इसमें एक की शादी दो वर्ष पूर्व करने के बाद वह इस वर्ष दूसरी बेटी की शादी तलाश रहे थे। एक वर्ष पहले उनकी पत्नी की भी मौत हो चुकी है। घटना की सूचना मिलने पर रामलाल को विश्वास ही नहीं हुआ। वह मौके पर भागकर पहुंचे को कपड़ों में लिपटे दो जवान बेटों को देखकर बेसुध होकर गिर गए। परिवार के लोगों को एक के बाद एक करके चार मौतों ने तोड़कर रख दिया है।