मोह-माया में फंसकर भगवान से दूर हो जाता है व्यक्ति

जब-जब धरती पर धर्म की सत्ता को चुनौती मिली है इसकी रक्षा के लिए परमात्मा ने स्वयं ही विभिन्न रूपों में अवतार लिया है। भगवान को पाने के लिए मन की शुद्धता आवश्यक है। सेमरियावां कस्बे में चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्रीराम कथा के चौथे दिन अयोध्या से आए कथावाचक पवन शास्त्री ने यह बातें कही।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 11:07 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 11:07 PM (IST)
मोह-माया में फंसकर भगवान से दूर हो जाता है व्यक्ति
मोह-माया में फंसकर भगवान से दूर हो जाता है व्यक्ति

संतकबीर नगर: मानव सांसारिक मोह माया में फंसकर भगवान की भक्ति से दूर चला जाता है। यही उसके दुख का कारण बनता है। भगवान के साथ जुड़ने से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

झुंगिया स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित श्रीविष्णु महायज्ञ के पांचवें दिन कथा के दौरान वृंदावन से आईं निर्मला पांडेय ने यह बातें कहीं।

कहा कि संसार माया का एक घेरा है। जीव की उत्पत्ति होने के बाद से ही उसे सांसारिक बंधन आकर्षित करने लगते हैं। वृद्धावस्था में मनुष्य को ईश्वर की याद आती है। मानव को गृहस्थ जीवन में रहने के दौरान युवावस्था से कुछ समय ईश्वर के लिए भी निकालना चाहिए। उन्होंने धर्म-अधर्म की विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा कि पाप और पुण्य का फल जीव को अलग-अलग भोगना पड़ता है। उन्होंने काम, क्रोध, मद, लोभ से सभी को बचकर रहने को कहा। व्यवस्थापक शमीम अख्तर अंसारी, लालचंद निषाद, भरथरी निषाद, बलराम, प्रहलाद, मक्खन, छोटेलाल आदि मौजूद रहे। धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं परमात्मा : पवन शास्त्री

जब-जब धरती पर धर्म की सत्ता को चुनौती मिली है, इसकी रक्षा के लिए परमात्मा ने स्वयं ही विभिन्न रूपों में अवतार लिया है। भगवान को पाने के लिए मन की शुद्धता आवश्यक है।

सेमरियावां कस्बे में चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्रीराम कथा के चौथे दिन अयोध्या से आए कथावाचक पवन शास्त्री ने यह बातें कहीं। उन्होंने राम के जन्म पर विस्तार से प्रकाश डालने के साथ ही अयोध्या में खुशी की लहर का वर्णन किया। कहा कि श्रद्धा और विश्वास के मिलन से ही प्रगट होती है भक्ति। राम की कथा का श्रवण करने से मन को शांति के साथ ही आत्मा का शुद्धिकरण भी होता है। पुजारी राजकुमार कन्नौजिया, राम सागर चौधरी, राम पुरोषत्तम गुप्ता, शुभम वर्मा, अजय कन्नौजिया, राम मिलन, नरेंद्र, दुर्गेश कुमार आदि मौजूद रहे। नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ शुरू

मड़पौना स्थित शिव मंदिर परिसर में बुधवार को नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ शुरू हुआ। पहले दिन अवध धाम से पधारे मानस मर्मज्ञ राजहंस मार्कण्डेय महाराज ने संगीतमयी कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब-जब आसुरी शक्तियां सबल होकर धराधाम पर अनाचार, अत्याचार समेत तरह-तरह के अनैतिक कर्मों से संत महात्माओं, बालकों, महिलाओं तथा अन्य निरीह जीव जंतुओं को नष्ट करने पर उतारू हो जाती हैं। तब-तब धर्म की रक्षा व अधर्म का नाश करने करने के लिए ईश्वर सत्ता अवतरित होती है। जिनके चरित्र का गुणगान व श्रवण,अनुसरण से मानव जीवन की सारी व्यथा दूर हो जाती है। इस मौके पर मुख्य यजमान प्रमिला, हृदयेश दूबे, कृष्णमुरारी, महेंद्र चौबे, मुन्ना चौबे, बाबुराम, राम यादव सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे।

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