अब पीड़ित को तत्काल मिलेगी राहत

एसपी के पास समस्या लेकर पहुंचने वालों के मामले की तत्काल पड़ताल करेंगे बीट के सिपाही

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 11:04 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:04 PM (IST)
अब पीड़ित को तत्काल मिलेगी राहत
अब पीड़ित को तत्काल मिलेगी राहत

संतकबीर नगर : थाने-चौकी पर पहुंचने वाले पीड़ित तत्काल न्याय पा सकें, इसके लिए पुलिस अधीक्षक डा. कौस्तुभ एक नई पहल की तैयारी में हैं। वह बीट के सिपाही को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहे हैं। जैसे ही उनके दफ्तर में कोई पीड़ित पहुंचेगा, उनकी स्पेशल टीम उसके प्रार्थना पत्र को वाट्सएप के जरिए संबंधित बीट सिपाही को भेज देगी। जब तक पीड़ित कप्तान के पास पहुंचेगा, उसके मामले की जमीनी हकीकत एसपी तक पहुंच जाएगी। मौके पर ही समस्या का समाधान हो जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो पहली अक्टूबर से इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा।

एसपी कार्यालय में हर दिन औसतन 30 से 35 पीड़ित न्याय की आस में पहुंचते हैं। इसमें से अधिकतर का आरोप होता है कि स्थानीय पुलिस उनकी नहीं सुन रही। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो पुलिस को आरोपितों का मददगार भी बताने से परहेज नहीं करते। एसपी सभी प्रार्थना पत्रों को संबंधित थानों में भेजकर उसकी जांच कर मामले के निस्तारण का आदेश देते हैं।

चौकी प्रभारी की तय होगी जिम्मेदारी

एसपी अपने इस प्रयोग में चौकी प्रभारी को सहभागी बनाएंगे। यदि 10 मिनट के अंदर संबंधित बीट का सिपाही मौके पर नहीं पहुंचा तो सिपाही के साथ ही चौकी प्रभारी को भी दंडित किया जाएगा। इस मामले में सिपाही और दारोगा एसपी को गलत रिपोर्ट देकर गुमराह भी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इसकी क्रास जांच थानेदार के साथ ही एसपी द्वारा नामित कोई अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर करेगा। यदि एसपी को प्रेषित रिपोर्ट गलत मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय हो जाएगी। जहां से अधिक होंगे पीड़ित, वहां के थानेदार की जाएगी कुर्सी

एसपी ने अपने इस प्रयोग में यह तय किया है कि जिस थाना क्षेत्र से अधिक फरियादी उनके पास आएंगे, उसकी जांच करवाई जाएगी। थानेदार की लापरवाही से यदि मामले बढ़ रहे होंगे, वह अपराध पर अंकुश लगाने में अक्षम पाए जाएंगे अथवा पीड़ितों की सुनवाई में ढिलाई बरतते मिलेंगे तो उन्हें तत्काल हटा दिया जाएगा।

एसपी के पास पहुंचने वाले प्रार्थना पत्रों की हर 15 दिन में समीक्षा होगी। यह देखा जाएगा कि उनके पास पहुंचने वाले पीड़ितों की मदद हो रही है या नहीं। यह भी देखा जाएगा कि किस थाने और सर्किल से अधिक मामले उनके पास पहुंच रहे हैं, ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें निर्देशित किया जाएगा। पुलिस मित्र की भूमिका में है। सभी को न्याय मिले, इसकी जिम्मेदारी टीम की होती है। थाने और चौकी पर सुनवाई नहीं होने पर ही लोग एसपी के पास आते हैं। वह लोगों को तत्काल मदद मिले, इसके लिए एक टीम बनाने जा रहे हैं, जो वाट्सएप के जरिए आपस में जुड़ेगी। जैसे ही उनके कार्यालय में कोई पीड़ित पहुंचेगा, उसका प्रार्थना पत्र संबंधित बीट के सिपाही के पास पहुंच जाएगा। 10 मिनट के अंदर सारी रिपोर्ट उनके पास होगी। वह मौके पर ही पीड़ित को उसके मामले से अवगत कराकर उसकी मदद कर देंगे।

डा. कौस्तुभ, पुलिस अधीक्षक

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