नहीं खुले मतदाता, उम्मीदवारों के माथे पर बल

भले ही मतदान के लिए लोगों का उत्साह सामने आया पर उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर लोगों के सामने नहीं आने से पूर्वानुमान के राजनैतिक पंडितों की गणित बिगड़ गई है। घर पर आने वाले हर उम्मीदवारों को समर्थन का विश्वास दिलाने में वोटर आगे रहे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 11:44 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:44 PM (IST)
नहीं खुले मतदाता, उम्मीदवारों के माथे पर बल
नहीं खुले मतदाता, उम्मीदवारों के माथे पर बल

संतकबीर नगर:

समय के साथ हर व्यवस्था में बदलाव आता है। गुरुवार को हुए पंचायत चुनाव में इसी प्रकार का हाल नजर आया। उम्मीदवारों ने लाख जतन किए परंतु बड़ी संख्या में मतदाता किसी के पक्ष में खुलकर बोलने व प्रचार में लगने से कन्नी काटते रहे। यही बात अब चुनाव होने के बाद जीत की गुणा-गणित करने वालों के लिए कठिन बन गया है।

भले ही मतदान के लिए लोगों का उत्साह सामने आया पर उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर लोगों के सामने नहीं आने से पूर्वानुमान के राजनैतिक पंडितों की गणित बिगड़ गई है। घर पर आने वाले हर उम्मीदवारों को समर्थन का विश्वास दिलाने में वोटर आगे रहे। किसी ने कहा कि काका कल से प्रचार में समय दीजिए तो बीमारी और व्यस्तता की बात कहकर जीत के लिए आश्वस्त भी किया गया। चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों और मतदाताओं के बीच तू डाल-डाल मैं पात-पात का खेल चलता रहा। सभी ने अपनाए तो हर हथकंडे। इसे लेकर मतगणना तक सभी को अपनी जीत पक्की भी लग रही है, जिसने अपने घर चाय या शर्बत पिलाई उसका वोट तो अपना ही मानकर मिलने वाले संभावित मतों पर समर्थकों के साथ सभी चर्चा में जुटे हैं। इसी बीच अंदर खाने क्या हुआ इसकी आशंका उनके माथे पर बल भी पैदा कर रही है।

मदरहा में फर्जी मतदान को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन

चुनाव के दौरान बघौली ब्लाक के मदरहा प्राथमिक विद्यालय पर बनाए गए मतदान केंद्र पर फर्जी मतदान को लेकर ग्रामीण उग्र हो गए। देर शाम को ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर मतदान निरस्त करने की मांग की।

यहां सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान शांतिपूर्ण चला। बीच में फर्जी मतदान को लेकर हल्की नोकझोंक हुई लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया।

देर शाम को गांव के चंद्रभान,धर्मेद्र, बाबूलाल, उषा, उर्मिला, शकुन्तला समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मतदान के दौरान धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा मतदान की मांग की। ग्रामीण बैलेट बाक्स को गांव से नहीं ले जाने की जिद पर अड़ गए। बाद में बहुत समझाने-बुझाने पर ग्रामीण माने।

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