रोजगार सेवक के बहाली तक जारी रहेगा आंदोलन

प्रदर्शन के बाद रोजगार सेवकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:34 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:34 PM (IST)
रोजगार सेवक के बहाली तक जारी रहेगा आंदोलन
रोजगार सेवक के बहाली तक जारी रहेगा आंदोलन

संतकबीर नगर : सांथा ब्लाक परिसर में शुक्रवार को रोजगार सेवकों ने संघ के प्रदेश प्रभारी की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन के बाद रोजगार सेवकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को सौंपा।

ब्लाक अध्यक्ष दुर्गेश उपाध्याय ने कहा कि संगठन के प्रदेश प्रभारी कमलेश गुप्ता पर ग्राम विकास विभाग के अपर सचिव के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके साथ ही उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई भी प्रस्तावित है, जो न्यायसंगत नहीं है। इस मामले में कुछ कर्मचारियों द्वारा साजिश किया जा रहा है। प्रदेश प्रभारी संगठन के लिए दिन-रात एक करने वाले व्यक्ति हैं। वह लोगों की समस्याओं को लेकर मुखर रहते हैं। इस दौरान ब्लाक के संगम त्रिपाठी, मोहम्मद अयूब, तपानाथ मौर्या, राजमन प्रसाद, घनश्याम पांडेय, तुलसीराम, रुपेश कुमार, लालजी, पंकज, कन्हैयालाल, निसार अहमद, सियाराम, धर्मेन्द्र कुमार, अमरपाल, नारद, कमलेश, बेचन प्रसाद, विनोद कुमार सहित अनेक रोजगार सेवक मौजूद रहे। एसडीएम के स्थानांतरण तक जारी रहेगा आंदोलन

संतकबीर नगर : मेंहदावल तहसील परिसर में लेखपाल संघ का धरना शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा। सभी ने एक स्वर में उपजिलाधिकारी के स्थानांतरण होने तक आंदोलन जारी रखने की हुंकार भरी।

संगठन के तहसील अध्यक्ष अभिषेक यादव के नेतृत्व में 25 से अधिक लेखपाल धरनारत हैं। उन्होंने कहा कि लेखपाल अपनी मांग पर अडिग हैं। एसडीएम के तानाशाही रवैये का लेखपाल विरोध कर रहे हैं। जब तक एसडीएम को हटाया नहीं जाता, धरना जारी रहेगा। हम सरकार का काम करते हुए जनता की सेवा कर रहे हैं। किसी अधिकारी के गुलाम नहीं हैं। एसडीएम आए दिन लेखपालों से दु‌र्व्यवहार करते रहे हैं। जब मामला हद से आगे बढ़ गया तो आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बचा है। संगठन के मंत्री अंकित मिश्र, चंद्रवीर सिंह, सुधीर सिंह आदि लोगों का कहना है कि लेखपाल संघ आर-पार की लड़ाई का निर्णय लेकर आंदोलन कर रहा है। हालांकि शुक्रवार को कुछ लेखपाल काम पर भी लौट आए, जिसे संगठन में फूट के रूप में देखा जा रहा है।

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