व्रत रखकर हुई भगवान अनंत की पूजा
अनंत का डोरा धारण करके देव-देवेश से सुख-समृद्धि की प्रार्थना
संतकबीर नगर : भाद्रपद शुक्ल चौदस अनंत चतुर्दशी पर रविवार को परंपरागत ढंग से पूजन-अर्चन हुआ। इसी दिन महारविवार का व्रत भी रखा गया। श्रद्धालुओं ने व्रत अनुष्ठान करके देव-देवेश भगवान अनंत श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा व प्रतीक चिह्न बनाकर वंदन किया। महिलाओं ने अनंत का धागा धारण करके सुख-समृद्धि, सौभाग्य व संतान की मंगल कामना की।
शहर के श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर व समय माता मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थी जुटे रहे। घरों व पवित्र स्थानों पर चौक व मंडप बनाकर भगवान अनंत की मूर्ति व प्रतिमा स्थापित करके पूजा हुई। महिलाओं ने 14 गांठ वाला लाल रेशमी डोरा रखकर पूजन किया। खलीलाबाद के बैंक चौराहा के निकट जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर चंद्र प्रभु मंदिर में पाठ हुआ। दशलक्षण पर्व पर तीर्थंकरों की आराधना हुई। परात में गंगा जल, पंचामृत आदि डालकर कृत्रिम क्षीर सागर का रूप देकर अनंत को खीरे के फल में लपेटकर विविध सामग्रियों से पूजन हुआ। मानना है कि इस दिन भगवान का स्मरण व पूजन से पाप नष्ट हो जाते हैं। अनंत के डोरे का धारण करने से धन-धान्य की परिपूर्णता व वैभव की प्राप्ति होती है। इस मौके पर अभय जैन, अनंत जैन, आनंद, सुधीर जैन, अमित, सिद्धार्थ जैन, ऊषा, सुमन जैन, सीमा, सरिता आदि मौजूद रहे। अनंत चतुर्दशी और महारविवार का पर्व एक ही दिन पड़ने के कारण अनेक श्रद्धालुओं ने दिन भर व्रत के बाद सूर्यास्त के पहले ही सेवईं और रोटी का भोजन किया। क्षमा वाणी पर्व कल
शहर के जैन चैत्रालय में मंगलवार को सुबह क्षमा वाणी पर्व मनाया जाएगा। सुबह आठ बजे से पूजन करने गलतियों की माफी मांगकर कल्याण की प्रार्थना होगी। यह जानकारी अभय जैन ने दी।