बारिश से बढ़ी परेशानी, हर तरफ दिख रहा पानी-पानी

शहर-कस्बा-गांव हर जगह हो गया कीचड़ व जलजमाव

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:48 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:48 PM (IST)
बारिश से बढ़ी परेशानी, हर तरफ दिख रहा पानी-पानी
बारिश से बढ़ी परेशानी, हर तरफ दिख रहा पानी-पानी

संतकबीर नगर: पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। जहां देखिए वहां पानी ही पानी दिखने लगा है। समय खेती किसानी का है, धान की फसल को तो पानी की खास आवश्यकता होती है। धान की नर्सरी तैयार नहीं होने से रोपाई नहीं शुरू हो सकी है, ऐसे में यह बारिश जलजमाव व कीचड़ से परेशानी का कारण बनकर सामने आई।

सोमवार को दिन में लगभग एक बजे से बारिश का दौर आरंभ हुआ। कभी थोड़ी देर के लिए बारिश थमी तो कभी तेज हो गई यही आलम दो दिनों से जारी है। खलीलाबाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर, खलीलाबाद स्थित सिचाई विभाग के कार्यालय परिसर, गोला बाजार,नेहरु चौक समेत अनेक स्थानों पर सड़कों पर पानी भर जाने से राहगीरों को आवागमन की समस्या हो रही। मेंहदावल-सांथा मार्ग पर गनवरिया चौराहे पर भी जलजमाव हो गया। दुधारा, धनघटा, मगहर, नाथनगर, धर्मसिंहवा, बेलहर समेत अनेक क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या रही। कठिन हुआ आवागमन

मेंहदावल-खलीलाबाद मार्ग पर बखिरा के निकट बंडा नाले का नए सिरे से निर्माण हो रहा है। बगल से आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है। नई पटान होने से इस राह से गुजरना मुश्किल हो गया है। बखिरा से कोपिया के बीच सड़क पर लगाई गई चकतियां भी बारिश से उखड़ने लगी हैं। यही हाल नंदौर-बखिरा मार्ग पर भी रहा। सड़क धंस जाने से वाहनों की आवाजाही कम रही। बंद हुए ईट भट्ठे

ईंट भट़्ठा कारोबारी राम अशीष उपाध्याय, कल्लू सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि इस वर्ष का मौसम उनके कारोबार के लिए बुरा साबित हुआ। बार-बार असमय बारिश होने से जहां कच्चे ईंट गलकर खराब होने से नुकसान हुआ तो वहीं अब तेज बारिश से भट्ठे को बंद करना पड़ा है। ठप हुई बिजली

बारिश को लेकर जनपद के अनेक भागों में बिजली भी ठप रही। खलीलाबाद-मेंहदावल मार्ग पर शीशम के एक पेड़ गिर जाने से सुबह सात बजे तक आवागमन ठप रहा। लोक निर्माण विभाग के कर्मियों ने पेड़ को काटकर हटवाया। इस बारिश से लाभ कम नुकसान ज्यादा

किसान प्रेम नारायण त्रिपाठी, नकोले यादव, भोला यादव आदि ने कहा कि धान की नर्सरी तैयार होने से पहले ही बारिश हो जाने से लाभ कम मिला है। इस बार रह-रहकर बारिश होने को लेकर खेतों के खरपतवार जुताई के बाद नहीं सूख सके हैं। इससे धान की खेती में खर-पतवार अधिक उगने की आशंका बन गई है।

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