दो मौत के बाद पुलिस की सक्रियता पर सवाल

पड़ोखर के विवाद में दो की मौत ने पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़ा कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 09:23 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 09:23 PM (IST)
दो मौत के बाद पुलिस की सक्रियता पर सवाल
दो मौत के बाद पुलिस की सक्रियता पर सवाल

संत कबीरनगर: पड़ोखर के विवाद में दो की मौत ने पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़ा कर दिया है। आए दिन इसे लेकर पुलिस के पास मामला पहुंच रहा था। ग्रामीण भी बता रहे थे कि किसी दिन बड़ी घटना हो जाएगी, लेकिन पुलिस ने इस हलके में लिया। इतना ही नहीं ग्रामीण लगातार पुलिस को बवाल की जानकारी दे रहे थे लेकिन घटना के तीन घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची।

यहां हर गांव की तरह ही रास्ते और नाली आदि का गंवई मामला था। रंजिश चल रही थी। बीते 14 मई व तीन जून को भी दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। मामला कोतवाली तक पहुंचा था। मामला दर्ज करने की बजाय पुलिस ले-देकर दोनों पक्षों को हटा दिया। ग्रामीणों की माने तो कोतवाली में ही दोनों पक्ष एक-दूसरे से निपटने की बात पुलिस के सामने ही कर रहे थे। पुलिस बार-बार हो रहे विवाद को लेकर अंजान बनी रही। परिणाम रहा कि विवाद बढ़ता गया और दो की मौत के बाद गांव में पुलिस की हनक सामने आई। यह तो ऐसे ही हुआ कि सब कुछ गंवा के होश में आए तो क्या हुआ। अब गांव में सिर्फ मातम का माहौल है। दोनों पक्षों से एक-एक की मौत हो चुकी है। संबंधित परिवार के लोग पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार करने की तैयारी में जुटने के साथ ही पुलिसिया कार्रवाई से खुद को बचाने की जद्दोजहद में परेशान हैं। मामूली बात को लेकर आक्रोश ने दोनों पक्षों को परिवार का एक-एक सदस्य गंवाकर मातम मनाने के लिए मजबूर कर दिया। गांव में पुलिस की उदसीनता को घटना का जिम्मेदार बताया जा रहा है। दबी जुबान गांव निवासियों का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया होता तो न सिर्फ दो की जान बच सकती थी बल्कि दो परिवारों को तबाही से बचाया जा सकता था।

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