नगर क्षेत्र में पेयजल का सर्वाधिक संकट

वर्ष 1997 में संतकबीरनगर जिले के गठन के साथ नगरपालिका परिषद खलीलाबाद का विस्तार तो हुआ लेकिन लोगों की सुविधाएं नहीं मिली। खलीलाबाद बाईपास के उत्तरी हिस्से में लगभग दो किमी की सीमा तक सरकारी व गैर सरकारी भवनों के निर्माण से मुख्यालय का क्षेत्रफल लगभग आठ वर्ग किमी. से अधिक हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 06:08 AM (IST)
नगर क्षेत्र में पेयजल का सर्वाधिक संकट
नगर क्षेत्र में पेयजल का सर्वाधिक संकट

संतकबीर नगर : वर्ष 1997 में संतकबीरनगर जिले के गठन के साथ नगरपालिका परिषद खलीलाबाद का विस्तार तो हुआ लेकिन लोगों की सुविधाएं नहीं मिली। खलीलाबाद बाईपास के उत्तरी हिस्से में लगभग दो किमी की सीमा तक सरकारी व गैर सरकारी भवनों के निर्माण से मुख्यालय का क्षेत्रफल लगभग आठ वर्ग किमी. से अधिक हो गया है। शहर में जरूरत के अनुसार पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

इंसेफ्लाइटिस प्रभावित जिले में लोगों को पाइपलाइन के जरिए घर-घर टोटी से साफ पानी की जरूरत है। यह तभी संभव है जब अपेक्षा के अनुरुप हर जगह पानी की टंकी का निर्माण हो व लोगों को कनेक्शन दिए जाएं। इसके इतर कूड़ा निस्तारण, जलनिकासी सहित अन्य जरुरी सुविधाएं हो। यहां के लोगों को 22 वर्षो बाद भी सीवेज सिस्टम का इंतजार है।

नगरपालिका परिषद-खलीलाबाद के ईओ बीना सिंह ने कहा कि नपा में शामिल होने वाले प्रस्तावित क्षेत्रों में पूरब दिशा में डीघा बाईपास तक, औद्योगिक क्षेत्र और डीघा गांव को सीमा विस्तार योजना में शामिल करना है। उत्तर दिशा में मेंहदावल रोड पर स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय व बड़गों के आसपास के क्षेत्र को जोड़ना है। दक्षिण दिशा में धनघटा रोड पर घोरखल की अंतिम सीमा बनियाबारी को लेना प्रस्तावित है। पश्चिम दिशा में सरैया बाईपास व नवीन मंडी तक सीमा विस्तार होना है। नेदुला, सरौली, मड़या का छूटा हिस्सा, रामनगर कालोनी, मैलानी और मोहद्दीपुर शामिल होना है। नगर क्षेत्र के विस्तार के लिए बोर्ड में प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। पार्किंग,सीवेज,नालों का निर्माण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे।

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