जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा: विचार दास

गुरुवाणी से श्रद्धापूर्वक मनी गुरु पूर्णिमा पूजन-अर्चन और वंदन सद्गुरु स्थली मगहर में बीजक पाठ अन्य जगहों पर भी हुए कार्यक्रम

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:57 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:57 PM (IST)
जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा: विचार दास
जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा: विचार दास

जागरण संवाददाता, संतकबीर नगर : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को पूजन-अर्चन करके गुरु की महिमा का बखान किया गया। गुरु का पूजन व वंदन हुआ। संतकबीर परिनिर्वाण स्थली मगहर व कबीर आश्रम पर पहुंचे अनुयायियों ने गुरु पूजा की। नए शिष्यों ने दीक्षा प्राप्त किया, आशीर्वाद लेकर सद्गुरु के दिखाएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

मगहर स्थित कबीर परिनिर्वाण स्थली पर सुबह बीजक का पाठ हुआ। ध्वजारोहण, गुरु महिमा का पाठ, आरती, गुरु वंदना हुई। महंत विचार दास ने कहा कि कबीर साहेब ने अपनी वाणी में भी गुरु को ईश्वर से श्रेष्ठ बताया है। गुरु के माध्यम से ही हमें ईश्वर के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। गुरु पूजा का प्रचलन आदि काल से रहा है। सद्गुरु ने सौहार्द का संदेश दिया। उनकी वाणी ने भेदभाव से परे रहकर सभी को साथ लेकर चलने का संदेश दिया है। जिसका अनुसरण कर आज अनेकों लोग समाज में आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे पूर्व समाधि स्थल पर महंत विचार दास को गुरु पर्व पर सम्मानित करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा. समीर सिंह ने कहा कि यह दिन हर एक व्यक्ति के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सभी लोग अपने आदर्श गुरु की पूजा और सेवा करते हैं। उन्हें प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बाल्यकाल में शिशु के गुरु माता-पिता होते हैं, इसके उपरांत विद्या और सामाजिक ज्ञान गुरु देते हैं, जो जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस दौरान राकेश मिश्र, विवेकानंद वर्मा, मगहर की चेयरमैन संगीता वर्मा, गुड्डू वर्मा, नीरज त्रिपाठी, ब्रह्मानंद पांडे, संत शांतिदास, संत अरविद दास शास्त्री, विनोद दास, केशव दास, डा. राकेश मिश्रा, डा. हरिशरण दास सहित छत्तीसगढ़, बिहार, गोंडा, गोरखपुर आदि स्थानों से पहुंचे कबीरपंथी मौजूद रहे।

शक्तिपीठ पर हवन यज्ञ करके मना गुरु पर्व

गायत्री शक्तिपीठ खलीलाबाद में गुरु पूर्णिमा गुरु पर्व के रूप में मना। जनकल्याण के लिए महामंत्र का अखंड जाप व हवन-पूजन हुआ। आचार्य रमेशचंद्र दूबे ने कहा कि गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु के विचार को जन -जन तक पहुंचाने और उन्हें अच्छे विचारों से जोड़ना ही गुरु की सच्ची भक्ति है। दुनिया को एक सूत्र में पिरोने वाले आदर्श गुरुओं के विचारों से जोड़ने की आवश्यकता है। इस दौरान भजन-कीर्तन के साथ गुरु की महिमा का बखान हुआ। कार्यक्रम में कौशलेश पांडेय, रणजीत शर्मा, कृष्णचंद्र, रामप्यारे, राधेश्याम शास्त्री, दिनेश सिंह, शोभित आदि मौजूद रहे।

भगवाध्वज को प्रणाम कर गुरु पूजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं पर उत्सव मना। विद्या मंदिर बिधियानी में विभाग बौद्धिक प्रमुख भाष्कर मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति प्रेरणा के प्रतीक भगवाध्वज को संघ ने गुरु के रूप में प्रतिष्ठित किया है। गुरु के मार्गदर्शन से प्रेरणा लेकर ही जीवन सफल बनता है। खलीलाबाद पब्लिक स्कूल में गुरु पूर्णिमा पर गुरु दक्षिणा व पूजन हुआ। इस मौके पर अनेक स्वयंसेवक मौजूद रहे। इसी क्रम में कूड़ी लाल रुगंटा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज खलीलाबाद में कार्यक्रम हुआ। जनपद के धनघटा और मेंहदावल तहसील क्षेत्रों में भी गुरु पूर्णिमा पर लोगों ने गुरुओं को नमन किया।

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