दहेज हत्या के दो मामलों में मृतक मां के बच्चों को क्षतिपूर्ति दें : डीएम

रेस्क्यू किए गए बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करें एसपी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 12:03 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 12:03 AM (IST)
दहेज हत्या के दो मामलों में मृतक मां के बच्चों को क्षतिपूर्ति दें : डीएम
दहेज हत्या के दो मामलों में मृतक मां के बच्चों को क्षतिपूर्ति दें : डीएम

संतकबीर नगर: डीएम दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को बारी-बारी से तीन बैठक हुई। एसपी डा. कौस्तुभ की मौजूदगी में रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, समेकित बाल संरक्षण समिति और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के कार्यों पर चर्चा की गई। डीएम ने रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के 36 मामलों पर विचार विमर्श किया। इसमें पास्को एक्ट के 26 मामले, दहेज हत्या के दो मामलों में मृतक की मां के बच्चों को क्षतिपूर्ति देने का निर्णय लिया गया। शेष 8 मामलों में से दो पास्को एक्ट के हैं। इसमें एक प्रकरण एससी-एसटी एक्ट का होने के कारण समाज कल्याण विभाग ने पीड़ित महिला को क्षतिपूर्ति के लिए धनराशि दी है। वहीं, दूसरी घटना असत्य मिलने पर संबंधित को योजना से लाभान्वित न करने का निर्णय लिया है।

इसी तरह दहेज हत्या की घटना असत्य व संतान न होने के कारण आठ मामलों में सहायता राशि न देने का निर्णय लिया गया है। एसपी डा. कौस्तुभ ने समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत रेस्क्यू किए गए बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। स्पांसरशिप योजना के तहत पांच बच्चों को चिह्नित करके उन्हें दो हजार रुपए प्रतिमाह देने का निर्देश दिया। डीएम ने एकीकृत बाल संरक्षण योजना में जनपद के सभी नौ ब्लाकों में ब्लाक संरक्षण समिति का गठन, शासनादेश के अनुसार ब्लाक संरक्षण समिति की बैठक प्रत्येक तीसरे माह आयोजित करने के निर्देश दिए। जनपद में 794 में से 792 ग्राम पंचायतों में ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन हो जाने की जानकारी दी गई। संतकबीर आश्रम में द्वारा संचालित शिशु व बालक बाल गृह में बालकों को आश्रय प्रदान करने की बात कही गई। बाल कल्याण समिति में जनवरी 2021 से सितंबर 2021 तक 107 बालकों को पेश किया गया। आश्रम में रहने वाले बालकों की संख्या चार बताई गई। राजकीय संप्रेक्षण गृह में वर्तमान में जनपद के कुल 27 किशोर अपचारी निरुद्ध हैं। संप्रेक्षण गृह में तीन बच्चे गंभीर रोग से ग्रस्त हैं। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत 55 बच्चों को पूर्व में चिह्नित करके प्रतिमाह चार हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अभिभावक की कोरोना से मृत्यु के 100 आवेदन व अभिभावक के सामान्य मृत्यु के 62 कुल 162 नए आवेदन पत्र पर भी विचार विमर्श किया गया। इस बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव हरिकेश कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी डा. श्वेता त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी महेंद्र कुमार, बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री विजय श्री, अपर जिला सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज आदि अधिकारी उपस्थित रहे।

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