तरक्की की राह पर किसानों के बढ़ते कदम
संतकबीर नगर सरकारी योजनाओं से किसानों की दशा बदल रही है। परंपरागत खेती के साथ ही किसान पशुपालन पोल्ट्री फार्म मछली पालन कर रहे हैं तो फल फूल सब्जी की खेती भी।
संतकबीर नगर: सरकारी योजनाओं से किसानों की दशा बदल रही है। परंपरागत खेती के साथ ही किसान पशुपालन, पोल्ट्री फार्म, मछली पालन कर रहे हैं तो फल, फूल, सब्जी की खेती भी।
जिले में नाथनगर ब्लाक के सतहरा गांव के भगवान दास, खलीलाबाद के बिधियानी में राहुल राय, इंडस्ट्रियल एरिया में शिव नारायण सिंह सहित कई लोग डेयरी चला रहे हैं। प्रतिदिन 4.50 लाख लीटर दूध की जरूरत है, इसके सापेक्ष 3.50 लाख लीटर का उत्पादन हो रहा है। बघौली ब्लाक के झिनखाल बंजरिया में कल्लू सिंह, खलीलाबाद के चकदही गांव में प्रवीण पाण्डेय व एक अन्य व्यक्ति की 30 हजार मुर्गियों की क्षमता वाली तीन इकाइयां हैं। जिले की आबादी के लिए प्रतिदिन नौ लाख अंडे की जरूरत है। प्रतिदिन 85 हजार अंडे का उत्पादन हो रहा है।
जिले में आलू की खेती 1972 हेक्टेयर में और उत्पादन 41800 एमटी होता है। प्याज की खेती 550 हेक्टेयर में तथा उत्पादन 15 हजार एमटी होता है। बैगन, फूल गोभी, बंद गोभी, टमाटर आदि सब्जी की खेती 755 हेक्टेयर में तथा उत्पादन लगभग 16 हजार एमटी होता है।
मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित सब्सिडी योजना का लाभ उठाकर अब तक 1245 लोग मछली पालन कर रहे हैं। हर साल लगभग 3200 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन कर रहे हैं। इससे इनकी आय में इजाफा हुआ है।
लघु सिचाई विभाग से जनपद के लगभग 45 हजार किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। इससे सिचाई की समस्या दूर हुई है।
जनपद के 917 पंजीकृत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप मिला है। इन किसानों को धान, गेहूं सहित अन्य फसल की सिचाई करना आसान हो गया है। खेती की लागत घटी है, मुनाफा बढ़ा है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसल के लिए जनपद के 29802 किसानों ने बीमा कराया था। बाढ़ और बारिश से धान की फसल की क्षति पर इसमें से 1094 किसानों को 92 लाख 14 हजार 179 रुपये बीमा लाभ मिला। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना दिसंबर-2018 से प्रारंभ हुई। इस योजना से लाभान्वित होने के लिए दो लाख 68 हजार 916 किसानों ने आवेदन किया था। इसमें से दो लाख 45 हजार 464 को पहली, दो लाख 33 हजार 339 को दूसरी, दो लाख 27 हजार 509 को तीसरी, दो लाख 620 किसानों को चौथा, एक लाख 80 हजार 816 को पांचवीं, एक लाख 59 हजार 113 को छठवीं तथा एक लाख 34 हजार 755 किसानों को सातवीं किश्त मिली है।
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जनपद की यह है स्थिति
-जनपद की कुल आबादी लगभग 18 लाख है, लगभग तीन लाख किसान हैं। खेती योग्य भूमि 174810 हेक्टेयर है। -जिले में हर साल लगभग 90 हजार हेक्टेयर में धान व 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती होती है। - जिले में 13 में से नौ खाद की थोक दुकानें व 510 निजी व अन्य फुटकर खाद की दुकानें सक्रिय है। -उद्यान विभाग के जरिये प्रत्येक ब्लाक में सरकारी सब्सिडी पर एक-एक शीतगृह बनाने की पहल चल रही है।