एंटी करप्शन टीम को रोकने पर चौकी प्रभारी समेत आठ पुलिस कर्मी निलंबित
धनघटा थाने पर तैनात दारोगा राम मिलन यादव को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
संतकबीर नगर : धनघटा थाने पर तैनात दारोगा राममिलन यादव को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते मंगलवार को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपित दारोगा को धनघटा से खलीलाबाद ले आते समय मुखलिसपुर पुलिस चौकी पर रोके जाने के मामले में एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर की तहरीर पर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा करते हुए आठ पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है।
एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर रामधारी मिश्र ने बताया कि मंगलवार को धनघटा थाने पर तैनात दारोगा राम मिलन यादव को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इस दौरान एंटी करप्शन टीम से आरोपित दारोगा के आवास पर मारपीट करने व मुखलिसपुर चौकी पर अपहरण की सूचना देने के मामले में चौकी प्रभारी पौली मनोज पटेल व उप निरीक्षक हरिकेश भारती को निलंबित किया गया है। जबकि मुखलिसपुर पुलिस चौकी पर बैरियर लगाकर एंटी करप्शन टीम को रोकने के मामले में हेड कांस्टेबल जगदंबा तिवारी, अमरेंद्र बघेल, राजकिशोर, अजीत पासवान व कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह, रवि चौरसिया के खिलाफ मुकदमा करते हुए सभी को निलंबित किया गया है। एसपी डा. कौस्तुभ ने बताया कि महुली पुलिस चौकी के छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा कायम करते हुए निलंबित किया गया है। इसी प्रकार धनघटा के दो उप निरीक्षक को भी निलंबित किया गया है। घूसखोर दारोगा पर तत्काल हो कार्रवाई
संतकबीर नगर : धनघटा थाना में तैनात दारोगा राममिलन यादव को एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम ने बीते मंगलवार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। जिस कोतवाली में कभी उनकी कलम से लोगों को जेल भेजा जाता था उसी कोतवाली के थाने में उन्हें बंद होना पड़ा। उनकी गिरफ्तारी के दूसरे दिन जनपद के चौक चौराहों पर सहित विभिन्न विभागों में इस घटना पर चर्चा होती रही। एंटी करप्शन द्वारा की गई इस कार्रवाई पर लोगों ने जागरण से अपने विचार सांझा किए।
मीरगंज के ओमकार पाठक ने कहा कि रिश्वत का नाम बदलकर अब सुविधा शुल्क कर दिया गया है। मजबूर लोग न चाहते हुए भी अपना काम कराने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत देने के लिए मजबूर हैं। एंटी करप्शन द्वारा की गई कार्रवाई जनपद में एक उदाहरण बनेगा। शनिचरा बाजार के अवधेश कसौधन ने कहा कि जिस प्रकार पीड़ित अब्दुल्ला ने भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए हिम्मत दिखाई, उसी प्रकार अन्य लोगों को भी ऐसे रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कराने की हिम्मत दिखानी पड़ेगी। जब तक सामान्य लोग इस भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर नहीं होंगे तब तक इस पर अंकुश लगना संभव नहीं है।
दुघरा निवासी कृष्ण कुमार राय ने कहा कि सुविधा के लिए रिश्वत लेना और देना अब एक चलन बन चुका है। लोग अब इसके आदी भी हो चुके हैं। बिना रिश्वत के कोई काम कराना मुश्किल हो गया है। जबकि सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए टोल फ्री नंबर जारी कर रखा है, लेकिन लोग किसी विवाद में न फंस जाएं इस डर से किसी के खिलाफ शिकायत करने से डरते हैं। लोगों को अपना डर दूर कर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज बुलंद करनी पड़ेगी। चुरेब निवासी पिटू राय ने कहा कि पुलिस विभाग के अलावा अन्य विभागों में भी रिश्वतखोर बैठे हुए हैं। उन विभागों में भी ऐसी कार्रवाई की जरूरत है। अगर महीने में एक दो कार्रवाई इसी प्रकार होती रहे तो रिश्वत लेने वाले लोग खौफ में रहेंगे और किसी से घूस लेने से पहले वह सोचेंगे।