आसमान से आफत की बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त

बारिश के चलते दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग घरों से निकलने से परहेज किए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 11:30 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 11:30 PM (IST)
आसमान से आफत की बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त
आसमान से आफत की बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त

संतकबीर नगर : 24 घंटे तक लगातार हुई बारिश ने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर, नगर, कस्बों और गांवों की सड़कों पर पानी भर गया। तेज हवा और पानी के चलते तमाम किसानों की फसल खेतों में गिर गई, जिसके चलते भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। बारिश के चलते दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग घरों से निकलने से परहेज किए। अक्टूबर माह की शुरूआत में इतनी बारिश पिछले कुछ वर्षों में नहीं हुई है। जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि जनपद में करीब 133 मिमी बारिश हुई है।

रिमझिम व झमाझम बारिश के बाद से मौसम का मिजाज बदल गया है। पिछले कुछ दिनों में बढ़े तापमान और उमस से बारिश ने लोगों को राहत दी लेकिन जलजमाव व कीचड़ से लोगों की समस्या बढ़ गई। बारिश के चलते लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। शुक्रवार की शाम से हुई बारिश पूरी रात व शनिवार को पूरे दिन होती रही। बारिश से शहर में जलजमाव हो गया। बैंक चौराहा-गोला बाजार मार्ग पर पानी लगा। पटरी से सड़क तक पानी लगने से लोगों को आवागमन के लिए कठिनाई झेलनी पड़ी। नगरपालिका कार्यालय से खलीलाबाद बाईपास जाने वाली सड़क पर मीट मंडी मार्ग के सामने व ईदगाह के निकट जलजमाव रहा। डीघा बाइपास, मुखलिसपुर तिराहा, बिधियानी, स्टेशनपुरवा, बंजरिया, मोतीनगर, गोला बाजार उत्तरी आदि स्थानों पर पानी व कीचड़ से समस्या रही। अनेक स्थानों पर सड़क की पटरियां खतरनाक हो गई हैं। क्षतिग्रस्त सड़क पर पानी लगने से राहगीरों की समस्या बढ़ गई है। मोहल्ला, गांव व कस्बा जलजमाव व कीचड़ से सराबोर हैं। शहर के खलीलाबाद जूनियर हाईस्कूल, औद्योगिक नगर, औद्योगिक क्षेत्र, रामनगर, सरैया, छोटी सरौली, स्टेशनपुरवा, घोरखल, पटखौली, बगहिया, तितौवा, उसका मटिहना, चंद्रशेखर तिराहा आदि स्थानों पर पानी लगने से समस्या है। नाले-नालियों का पानी उफनाता रहा। जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से जल जमाव की स्थिति बनी रही। हवा के साथ बारिश से किसान चितित

बीते दो दिनों से तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश के कारण खेतों में खड़ी धान की फसलें धराशायी हो गई हैं। जिसे लेकर किसान चितित हैं। एक तरफ जहां कहीं-कहीं धान की फसलें हवा के कारण भूमि पर बिछ गई हैं तो कई जगह धान की बाली लगे पौधे में गिरने से बाली पानी में डूबने से फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है। धान की अगेती फसल पककर तैयार है। किसान कटाई का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। खेतों में पानी लगने से कटाई कार्य भी प्रभावित हो गया है। बूंदीपार के किसान गयादीन, जवाहिर, श्यामलाल, अशोक तिवारी ने बताया धान की रोपाई से लगातार अच्छी बारिश हुई। बारिश ने साथ दिया तो फसल लहलहाने लगी। बालियां देख बहुत खुश थे, लेकिन इस बारिश ने उनकी खुशी पर पानी फेर दिया है। धान की फसल जमीन पर बिछ गई है। अब तो इस बात की आशंका सता रही है कि अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो गिरी फसलों की बालियां अंकुरित होने लगेंगी।

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