गोआश्रय केंद्रों पर सूखे भूसे पर निर्भर हैं बेसहारा पशु

केंद्रों पर पशुओं का नहीं हो पा रहा समुचित देख-रेख

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:36 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:36 PM (IST)
गोआश्रय केंद्रों पर सूखे भूसे पर निर्भर हैं बेसहारा पशु
गोआश्रय केंद्रों पर सूखे भूसे पर निर्भर हैं बेसहारा पशु

संतकबीर नगर: बेलहर कला ब्लाक में बने गोआश्रय केंद्रों पर व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। पशुओं को पेट भरने के लिए सूखा भूसा ही बड़ी मुश्किल से नसीब हो रहा है। चोकर, हरी घास तो सपने जैसा है। केंद्रों पर कहीं कीचड़ भरे रास्ते तो कहीं पशुओं के पास सफाई व्यवस्था पूरी तरह से नदारद है।

शासन द्वारा बेसहारा पशुओं की देख-रेख के लिए गोआश्रय केंद्र का निर्माण कराया गया है। जिससे क्षेत्र में अनावश्यक घूमने वाले पशुओं को आश्रय केंद्र में रखा जा सके और किसानों की फसलों को बचाया जा सके। इसके साथ ही पशुओं से होने वाली दुर्घटना भी रोकी जा सके। बेलहर कला ब्लाक के भेलाखर्ग गांव में बने गोआश्रय केंद्र पर कुल 13 पशु मौजूद हैं। यहां पर पशुओं के लिए मात्र भूसा ही उपलब्ध है। केंद्र पर लगा शौर्य उर्जा उजाला देने की जगह जमीन पर धराशायी है। यहां रहने वाले गोसेवकों ने बताया कि शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। उसी अंधेरे में हम लोग भी रहने के लिए मजबूर हैं। बरसात के मौसम में जहरीले जीव जंतुओं का भी डर बना रहता है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत भगौसा में बेसहारा पशुओं की संख्या 20 है। यहां भी पशुओं के चारे के नाम पर मात्र कुछ मुट्ठी भूसा है। इसके साथ ही यहां पहुंचने के लिए रास्ते भी नहीं है। बारिश के दिनों में गोआश्रय केंद्र पर पहुंचने के लिए कीचड़ एवं झाडि़यों से होकर गुजरना मजबूरी है। ग्राम पंचायत लोहरौली शुक्ल में बताया गया कि यहां पशुओं की संख्या 20 है। लेकिन मौके पर एक पशु मौजूद था। पशु सेवकों ने बताया कि 19 पशु घास चरने के लिए गए हैं। बेलहर के प्रभारी बीडीओ राकेश कुमार ने कहा कि गोआश्रय केंद्रों की व्यवस्था को बेहतर करने का निर्देश दिए गए है। कुछ जगहों पर दिक्कत है। इतना पैसा नहीं है कि पशुओं को चोकर व दाना खिलाया जा सके। भूसा की व्यवस्था है।

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