पीएम आवास को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन
कर्मी बाहर निकल गए तीन घंटे तक ठप रहा सरकारी काम
संतकबीर नगर: प्रधानमंत्री आवास को लेकर ग्राम पंचायत गौवापार के ग्रामीणों ने बुधवार को सुबह 10.30 बजे से दोपहर के 1.30़ बजे तक पौली ब्लाक मुख्यालय के परिसर में प्रदर्शन किया। नारेबाजी के बीच यहां के कर्मी बाहर निकले गए। इसकी वजह से तीन घंटे तक सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप रहा। ग्रामीणों ने वित्तीय अनियमितता किए जाने का आरोप लगाया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर वृहद आंदोलन करने की चेतावनी दी। बीडीओ, एडीओ के समझाने-बुझाने पर मामला शांत हुआ।
पौली ब्लाक कार्यालय के बुधवार को खुलते ही ब्लाककर्मी अपने-अपने पटल पर सरकारी काम करना शुरू किए थे। इसी बीच सुबह के 10.30 बजे इस ब्लाक के ग्राम पंचायत गौवापार के ग्रामीण ब्लाक परिसर में पहुंचे। कुछ जिम्मेदार कर्मियों पर प्रधानमंत्री आवास में अनियमितता करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसको लेकर ग्रामीणों व कर्मियों के बीच नोक-झोंक भी हुई। मामला गर्म होता देख कर्मी ब्लाक परिसर छोड़ बाहर चले गए। ग्रामीणों का कहना है कि उनके ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के लिए कुल 96 लाभार्थी चयनित हैं। इसमें से 20 लाभार्थियों का 20 दिन पहले डोंगल लगने के बाद भी पहली किस्त का पैसा उनके बैंक खाते में नहीं पहुंचा। ब्लाक के कर्मी डोंगल किसी के नाम तो पैसा किसी दूसरे के खाते में भेज देते हैं। इस अनियमितता की शिकायत करने पर भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। बीडीओ विजय कुमार पांडेय व एडीओ पंचायत गजानन पाल ने ग्रामीणों को समझाया-बुझाया। बीडीओ ने जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब मामला शांत हुआ। दूसरे दिन भी लेखपालों ने दिया धरना
संतकबीर नगर : मेंहदावल तहसील परिसर में दूसरे दिन बुधवार को भी लेखपाल संघ ने धरना दिया। लेखपालों ने अपनी मांग नहीं माने जाने तक धरना प्रदर्शन का कार्य जारी रखने की बात कही।
लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष अभिषेक यादव ने बताया कि एसडीएम के द्वारा अमर्यादित व्यवहार किए जाने को लेकर तहसील संघ के लेखपाल धरना दे रहे हैं। उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर धरने की जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि संगठन के जिलाध्यक्ष को भी पूरे मामले से अवगत कराया गया है। लेखपालों ने कहा कि उचित कार्रवाई नहीं होने तक लेखपालों का धरना जारी रहेगा। इस दौरान अभय प्रताप सिंह, सुधीर सिंह, चंद्रवीर सिंह सहित अनेक लेखपाल मौजूद रहे।