संतकबीर नगर में राजनीतिक दलों को उम्मीदवार, निर्दलियों को दल की दरकार
संतकबीर नगर जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव की तिथियां अभी भले ही निर्धारित नहीं हुई हैं लेकिन तैयारी जोरों पर हैं। तीस सदस्य जीतकर जिले की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे हैं। अब मुखिया बनने के लिए 16 के जादुई आंकड़े को पार करने के लिए अंदरखाने पुरजोर प्रयास चल रहा है। इस क्रम में जहां उम्मीदवारों को दलीय समर्थन की दरकार है तो वहीं दलों को भी उम्मीदवारों की तलाश है।
संतकबीर नगर: जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव की तिथियां अभी भले ही निर्धारित नहीं हुई हैं, लेकिन तैयारी जोरों पर हैं। तीस सदस्य जीतकर जिले की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे हैं। अब मुखिया बनने के लिए 16 के जादुई आंकड़े को पार करने के लिए अंदरखाने पुरजोर प्रयास चल रहा है। इस क्रम में जहां उम्मीदवारों को दलीय समर्थन की दरकार है तो वहीं दलों को भी उम्मीदवारों की तलाश है। इसका कारण यह है कि सभी प्रमुख दलों को जनता ने नकारते हुए अधिकतर निर्दलियों को ही अपना समर्थन दिया है।
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में राजनैतिक दलों ने अपने समर्थित उम्मीदवार उतारने के साथ ही सांगठनिक स्तर से प्रचार-प्रसार भी किया था। परिणामों को देखा जाय तो भाजपा के खाते में तीन, सपा-बसपा को छह-छह के साथ ही 15 निर्दलियों को जीत मिली है। हालांकि सपा का दावा कुछ स्थानों पर फ्री फाइट होने से आठ का है। इसी प्रकार बसपा भी सात सीटों पर जीत का दावा कर रही है। इसे मान भी लिया जाय तो भी किसी एक को अपने दम पर जीत की संख्या नहीं है, और भी अहम बात है कि किन्हीं दो दलों के आपस में मिलने के बाद भी आंकड़ा 16 का नहीं हो रहा है। सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित होने से भी उम्मीदवारों के चयन को लेकर दलों में माथापच्ची चल रही है। अध्यक्ष पद के लिए एक निर्दलीय को छोड़कर अभी तक किसी पार्टी से कोई दावेदार सामने नहीं आया है। हालांकि सभी प्रमुख दल प्रत्याशियों की खोज में जुटे हैं। कुछ तो प्रत्याशी तय होने की बात भी कर रहे हैं, लेकिन अभी पत्ता नहीं खोल रहे। अध्यक्ष की दावेदारी करने वाले जीते प्रत्याशियों के पास पहुंच रहे हैं। अनेक निर्दल भी दलों से संपर्क में हैं तो कुछ दल भी संसाधन संपन्न सदस्यों को अपने पाले में खींचने के लिए लगे हैं। जिन्हें नहीं लड़ना चुनाव वह देख रहे नजारा:
अध्यक्ष पद की दौड़ में खुद को शामिल नहीं मानने वाले अधिकांश जिला पंचायत सदस्य मौके का आकलन करने में जुटे हैं। कुछ ने अपना मोबाइल नंबर बदल दिया है। किसी के पक्ष में खुलकर चलने से लोग परहेज कर रहे हैं। एक ने कहा कि पार्टी के प्रति निष्ठा तो है पर है पर अपने हक के लिए नजारा देखने के बाद ही निर्णय लेंगे।