12 पद चल रहे रिक्त, विकास पर असर
अकेले पीडी-डीआरडीए संभाल रहे तीन अन्य पदों की जिम्मेदारी
संतकबीर नगर: जिले में स्थानांतरित सीडीओ अतुल मिश्र की जगह किसी दूसरे की अब तक तैनाती नहीं हो पाई है। इसके अलावा डीडीओ, डीसी मनरेगा समेत 11 अन्य पद भी रिक्त चल रहे हैं। इसका साफ असर जिले के विकास कार्यों पर पड़ रहा है। पीएम आवास सहित अन्य विकास कार्यों की प्रगति बेहद खराब है। जिले के आला अधिकारी व जन प्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गरीब महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए चल रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का उपायुक्त का पद लंबे समय समय से रिक्त चल रहा है। इसके अलावा विकास भवन में तैनात रहे व कुछ माह पूर्व स्थानांतरित हुए जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) राजित राम मिश्र, उपायुक्त-मनरेगा राकेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी सतीश कुमार व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तन्मय पाण्डेय के स्थान पर किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई है। करीब तीन माह पूर्व स्थानांतरित हुए बीएसए सत्येंद्र कुमार, लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के एक्सईएन राजेश निगम की जगह अब तक किसी की तैनाती नहीं हो पाई है। वहीं स्थानांतरित हुए निर्माण खंड के एक्सईएन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के एक्सईएन, जल निगम के एक्सईएन व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरइडी) के एक्सईएन की जगह अब तक किसी की तैनाती नहीं हो पाई है। कुछ माह पूर्व परियोजना निदेशक (पीडी)-जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) का पदभार संभालने वाले डीडी शुक्ल को इस पद के अलावा डीसी मनरेगा, डीसी एनआरएलएम व डीडीओ का अतिरिक्त पदभार संभाल रहे हैं। वहीं डीआइओएस गिरीश कुमार सिंह बीएसए का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी प्रियंका यादव इस पद के अलावा जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का दायित्व संभाल रही है। यही हाल लोक निर्माण विभाग के दोनों खंड के अलावा पीएमजीएसवाइ की है। शासन स्तर से तैनाती न किए जाने से जिले के बड़े 12 पद रिक्त चल रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन पर बुरा असर पड़ा है। यही हाल कुछ माह तक और रहा तो जिले के विकास कार्यो की प्रगति बेहद खराब हो सकती है। कुर्सी रहती है खाली, कर्मी टहलकर काटते हैं समय
रिक्त पद पर तैनाती न होने से विभागाध्यक्ष की कुर्सी हमेशा खाली रहती है। विभागीय कर्मी काम कम करते हैं। ये ज्यादातर समय टहलकर काटते हैं। समस्या लेकर आने वाले गांव के लोगों को कर्मी अधिकारी के न होने की बात कहकर वापस लौटा देते हैं। इसकी वजह से विकास कार्यों के साथ ही फरियादियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से तैनात हैं कई अधिकारी
विकास भवन में कुछ अधिकारी लंबे समय से तैनात है। इनका तबादला नहीं हो रहा है। बताया जाता है कि इनकी पैठ ऊपर तक है। इसलिए यह जमे हुए हैं। जिले के आला अधिकारियों के चहेते बने हुए हैं। आला अधिकारी इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दिए हुए हैं। बड़े कार्यक्रमों में इनसे सलाह ली जाती है। एक अधिकारी तो विकास कार्यों को बतौर ठेकेदार के रूप में काम कराते हैं। रिक्त पदों पर तैनाती के लिए शासन के पास पत्र भेजा गया है। इसके लिए वह लगातार प्रयास कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द रिक्त पदों पर तैनाती हो जाएगी। इसके साथ ही तीन वर्ष से अधिक समय से जनपद में तैनात अधिकारियों की भी सूची तैयार है।
दिव्या मित्तल, डीएम