आस्था के जल से आज होगा भोलेनाथ का जलाभिषेक

श्रावण माह के द्वितीय सोमवार को मंदिरों में पहुंचेंगे श्रद्धालु

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:12 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:21 AM (IST)
आस्था के जल से आज होगा भोलेनाथ का जलाभिषेक
आस्था के जल से आज होगा भोलेनाथ का जलाभिषेक

संतकबीर नगर: श्रावण मास के दूसरे सोमवार को आस्थावान ऐतिहासिक तामेश्वरनाथधाम सहित अन्य शिवालयों में आस्था के जल से भोलनाथ का जलाभिषेक करेंगे। यहां जलाभिषेक करेंगे। बम-बम भोले. हर हर महादेव के जयघोष से समूचा वातावरण गुंजायमान रहेगा। कोरोना संक्रमण से बचाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

प्राचीन शिव मंदिर माने जाने वाले बाबा तामेश्वरनाथधाम में श्रद्धालुओं की अधिक संख्या पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसको देखते हुए मंदिर के व्यवस्थापकों ने उचित इंतजाम किए हैं। सावन माह के दूसरे सोमवार को जलाभिषेक के लिए महिला व पुरूषों की अलग-अलग कतार रहेगी। बारी-बारी से मंदिर में प्रवेश करने दिया जाएगा। इस दिन बम-बम भोले के जयघोष से समूचा वातावरण गुंजायमान रहेगा। मंदिर परिसर में पूजन, महारुद्राभिषेक आदि धार्मिक कार्यक्रमों का सिलसिला प्रारंभ है। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त संख्या में पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं। जो मंदिर परिसर में दाखिल होने वाले लोगों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। पुजारी रोहित भारती ने बताया कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धालु भोले शिवशंकर को जलाभिषेक करेंगे। सुबह ही मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा। शिव मंदिर में रुद्राभिषेक कल

जासं, धनघटा: शिव मंदिर पौली में मंगलवार को रुद्राभिषेक होगा। सुबह सात बजे से भगवान शिव का श्रृंगार करके पूजन कराया जाएगा। यह जानकारी रविवार को पुजारी बृजनंदन तिवारी ने दी है। बाबा हरिहरनाथ शिव मंदिर बना भक्तों की आस्था का केंद्र

संतकबीर नगर: खलीलाबाद स्थित जिला मुख्यालय से 24 किमी दूरी पर बेल्डुआ (महुली थानाक्षेत्र) में बाबा हरिहरनाथ शिव मंदिर है। यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां हर समय भक्त पूजन-अर्चन को पहुंचते रहते है। स्थानीय क्षेत्रवासी शुभ कार्य करने से पहले भोलेनाथ का आशीष लेते हैं। कार्य पूरा होने के बाद श्रद्धा से अनुष्ठान आदि कार्यक्रम करते रहते हैं। खलीलाबाद से 24 व धनघटा से 16 किमी दूरी पर यह मंदिर स्थित है। मंदिर का इतिहास:

वर्तमान में जहां मंदिर स्थित है, वहां पहले झाड़-झंखाड़ हुआ करता था। सौ वर्ष पूर्व शिवलिग स्थापित किया गया था। इसके बाद से यहां पर पूजन-अर्चन होता रहा है। 80 वर्ष पूर्व यहां फलाहारी बाबा साफ-सफाई करके साधना शुरू की थी। मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराकर 40 वर्षों तक फलहार व जल का सेवन किया था। लोगों में यह विश्वास है कि यहां पर मांगी गई मन्नत निश्चित रूप से पूरी होती है। मंदिर की विशेषता

कुआनो नदी के समीप स्थित इस मंदिर में गांव के साथ दूर-दराज के भक्त जुटते है। यहां शिव के साथ शक्ति की पूजा करने के लिए मां भगवती व बजरंग बली का भी मंदिर बना है। महाशिवरात्रि के साथ श्रावण माह में मंदिर भक्तों से गुलजार रहता है। मंदिर में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां हर समय श्रद्धालु पूजन-अर्चन करते हैं। पर्व पर कार्यक्रम के साथ कथा, अनुष्ठान, मुंडन आदि कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में हर वर्ग के लोगों पूजन-अर्चन को जुटते है। ऐसे पहुंचे मंदिर

खलीलाबाद से 16 किमी महुली व यहां से आठ किमी दूरी पर बेल्डुहा पहुंचना पड़ता है। यहां आने व जाने के लिए बस व टैक्सी की सुविधा सुलभ है। धनघटा से भी इस मंदिर में पहुंचने के लिए हर समय साधन सुलभ रहते हैं। मंदिर पर पूजा करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाता है। श्रावण माह में दर्शन और पूजन के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। इस बार कोरोना को देखते हुए गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजन-अर्चन हो रहा है।

जगदंबा प्रसाद तिवारी, पुजारी मैं बचपन से इस मंदिर में पूजा करने के लिए आता रहा हूं। हर सोमवार को मंदिर में पूजा करने पहुंचता हूं। बाहर रहने पर दूसरे दिन पूजा कराता हूं। बाबा सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

दीपक त्रिपाठी, भक्त

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