प्राचीन शिव मंदिर बाबा तामेश्वरनाथ धाम

धाम पर जलाभिषेक कर भक्त मनवांछित फल प्राप्त करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:43 PM (IST)
प्राचीन शिव मंदिर बाबा तामेश्वरनाथ धाम
प्राचीन शिव मंदिर बाबा तामेश्वरनाथ धाम

संतकबीर नगर : पूर्वांचल का प्रसिद्ध तीर्थस्थल बाबा तामेश्वरनाथ धाम प्राचीन शिव मंदिर है। यह भक्तों की श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है। यहां की महिमा अपरंपार है। धाम पर जलाभिषेक कर भक्त मनवांछित फल प्राप्त करते हैं। श्रावण मास में दूर दराज से शिवभक्त यहां आकर जलाभिषेक व रूद्राभिषेक कराते हैं। महिमा व आस्था का केंद्र होने के कारण यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। श्रावण मास में शिव भक्तों व कांवरियों के आने से धाम गुलजार रहता है। यहां जलाभिषेक के पश्चात मां पार्वती का पूजन फलदायी होता है। मंदिर का इतिहास

देवाधिदेव महादेव बाबा तामेश्वरनाथ धाम को इतिहास सदियों पुराना है। द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने यहां शिव की आराधना कर राजपाट के लिए आशीर्वाद मांगा था। राजकुमार सिद्धार्थ यहां वल्कल वस्त्र त्याग कर मुंडन कराने के पश्चात तथागत बने। धाम का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। यहां स्वत: शिवलिग प्रकट होने का प्रमाण मिलता है। इस स्थान को पूर्व में ताम्रगढ़ के नाम से जाना जाता था। यहां स्थापित शिवलिग को खलीलाबाद नगर को बसाने वाले खलीलुरर्हमान ने दूसरे स्थान पर ले जाने का प्रयास किया था, लेकिन संभव नहीं हो सका। स्थली व शिवलिग की महत्ता को देखते हुए डेढ़ सौ वर्ष पूर्व तत्कालीन बांसी नरेश राजा रतनसेन सिंह ने यहां मंदिर का स्वरूप दिया। बाद में सेठ रामनिवास रुंगटा ने संतान की मुराद मांगी। संतान प्राप्ति के बाद मंदिर को विस्तार दिया। मुख्य मंदिर के साथ यहां पर छोटे-बड़े कुल 16 मंदिर हैं। एक मंदिर मुख्य मंदिर के ठीक सामने है जो देवताओं का नहीं अपितु देव स्वरूप उस मानव का है जिसने जीते जी यहां पर समाधि ले ली थी। मान्यता है कि प्रसिद्ध संत देवरहवा बाबा को यहीं से प्रेरणा प्राप्त हुई थी। ऐसे पहुंचे तामेश्वरनाथ धाम

जिला मुख्यालय से खलीलाबाद-धनघटा मार्ग पर सात किमी दूरी पर तामेश्वरनाथ धाम स्थित है। यहां पहुंचने के लिए नौरंगिया चौराहा से पांच सौ मीटर आगे तामेश्वरनाथ पुलिस चौकी पहुंचना पड़ता है। धनघटा की तरफ से भी आने वाले श्रद्धालुओं को मैनसिर चौराहा के निकट ही मंदिर प्रवेश द्वार है। यहां के लिए परिवहन निगम व निजी टैक्सी उपलब्ध रहती हैं। जलाभिषेक को जुटते हैं भक्त

तामेश्वरनाथ धाम पर महाशिवरात्रि व सावन मास में जलाभिषेक के लिए भक्त जुटते हैं। धाम पर जनपद के साथ गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महराजगंज आदि स्थानों के भक्त आते हैं। गोस्वामी वंशज बारी-बारी से पूजन-अर्चन की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। भक्तों के सुरक्षा का उचित प्रबंध

कोरोना के चलते इस बार कांवरियों पर रोक है। भक्तों की अधिक संख्या को देखते हुए इस बार उचित प्रबंध किया गया है। समिति व प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की गई हैं। पूजा-अर्चना की मुकम्मल व्यवस्था है। जलाभिषेक, भक्तों के ठहरने आदि का इंतजाम किया जा रहा है। इस बार यहां आने वालों को मास्क के साथ ही कोविड नियमों का पालन करना होगा।

रोहित गोस्वामी, पुजारी भोलेनाथ की कृपा

बाबा के धाम में पूजन व जलाभिषेक से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। यहां आकर शांति मिलती है। वह हर वर्ष पूरे परिवार के साथ बाबा के दर्शन करते हैं। भोलेनाथ की हम सब पर कृपा है।

राजेश पांडेय, भक्त

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