एंबुलेंसकर्मियों ने की हड़ताल, मरीजों में हाहाकार

संतकबीर नगर जनपद के सभी एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार को हड़ताल कर एंबुलेंस सेवा ठप कर दिय

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:05 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:05 PM (IST)
एंबुलेंसकर्मियों ने की हड़ताल, मरीजों में हाहाकार
एंबुलेंसकर्मियों ने की हड़ताल, मरीजों में हाहाकार

संतकबीर नगर: जनपद के सभी एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार को हड़ताल कर एंबुलेंस सेवा ठप कर दिया। कर्मचारियों का कहना है कि सेवा प्रदाता कंपनी बदलने के बाद नई कंपनी कर्मियों को हटा रही है। कर्मचारियों को हटाने का निर्णय बंद नहीं होता अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा। एंबुलेंस के पहिये ठप होने से जिले में हाहाकार की स्थिति है।

दिन में लगभग 10 बजे खलीलाबाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर में एक के बाद एक करके एंबुलेंस की गाड़िया खड़ी होने लगीं। लोग इसे देखकर चौंक पड़े। स्कूल परिसर में भीड़ भी जमा हो गई, बाद में पता चला कि कोई और बात नहीं बल्कि एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल कर दी है।

जीवन दायिनी स्वस्थ्य विभाग एंबुलेंस कर्मी संगठन के जिलाध्यक्ष जमीर खान ने कहा कि कोरोना के पहली और दूसरी लहर में अपनी जान की परवाह किए बिना ही कार्य करने वाले लोगों को नई सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा हटाने का कार्य किया जा रहा है। जब तक इस निर्णय को रोकने के लिए सरकारी स्तर से दखल नहीं दिया जाएगा तब तक सभी एंबुलेंस वाहनों का संचलन ठप रहेगा।

इस दौरान धीरेंद्र यादव, जालंधर चौधरी, दुर्गेश मिश्र, जिलाजीत यादव, रामजियावन, महेंद्र चौधरी, शिवकुमार, शिवा सोनी, विजय यादव, नरेंद्र चौधरी, चंद्र प्रकाश, सचिन पटेल आदि लोग मौजूद रहे।

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फोन करते रहे लोग नहीं पहुंचा एंबुलेंस

जनपद के विभिन्न भागों से एंबुलेंस के लिए लोग फोन करते रहे परंतु किसी को उपलब्ध नहीं हो सका। मेंहदावल के श्याम सुंदर ने कहा कि उनकी बेटी को प्रसव पीड़ा हो रही थी परंतु एंबुलेंस नहीं मिला। मजबूर होकर खुद के साधन से अस्पताल ले जाना पड़ा। इसी प्रकार महुली के प्रमोद, नाथनगर के आनंद आदि ने भी समस्या बताई। एंबुलेंस नहीं मिलने से जिले में हाहाकार मच गया है।

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एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल दुखद है। उनकी मांगों पर विचार होना चाहिए। वह अपने तई लगे हैं कि कर्मचारी हड़ताल से वापस लौट आएं। एंबुलेंस नहीं चलने से गंभीर रोगी परेशान होंगे। मानवता को देखते हुए हड़ताल वापस होनी चाहिए।

इंद्रविजय विश्वकर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी

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