कायाकल्प के मानक में जिले के सभी विद्यालय फेल

परिषदीय विद्यालयों को कानवेंट विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने के लिए कायाकल्प योजना चलाई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 08:38 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 11:17 PM (IST)
कायाकल्प के मानक में जिले के सभी विद्यालय फेल
कायाकल्प के मानक में जिले के सभी विद्यालय फेल

संत कबीरनगर : परिषदीय विद्यालयों को कानवेंट विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने के लिए कायाकल्प योजना चलाई जा रही है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षा विभाग से धन भेजने के साथ ही ग्राम पंचायतों को भी शामिल किया गया। सब कुछ हुआ पर अभी तक कायाकल्प योजना में जिले के सभी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय फेल साबित हुए हैं।

कायाकल्प योजना में विद्यालयों को विकसित करने के लिए पहले सात बिदुओं को मानक बनाया गया था। अब इसे 14 बिदु कर दिया गया है। आकंड़ों को देखा जाय तो 39 फीसद विद्यालयों की रंगाई-पुताई नहीं हो सकी है। वहीं 32 फीसद विद्यालय में बालक-बालिकाओं के अलग-अलग शौचालयों की सुविधा भी नहीं है। लगभग 13 फीसद विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था नदारद है। यह जानकारी प्रेरणा एप पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दर्ज करवाए गए आंकड़ों से सामने आई है। इससे सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। संसाधनों के अभाव में प्रेरणा ब्लाक और प्रेरणा जनपद बनने को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। जिले में इतने हैं विद्यालय -प्राथमिक - (कक्षा एक से पांच )-805 -उच्च प्राथमिक -(कक्ष छह से आठ)-192 -संविलयित विद्यालय (कक्षा एक से आठ)-250 विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट भेजा गया है। 14 बिदुओं के मानक के तहत लगभग दो सौ विद्यालयों में कार्य पूरा हो चुका है। जहां भी कार्य अधूरे हैं उसे जल्द पूरा करवाने का निर्देश दिया गया है।

सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए

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