गांवों की तरफ बढ़ने लगा आमी नदी का पानी
कोड़री-समदा मार्ग पर पानी लग जाने की वजह से आवागमन ठप हो गया है।
संतकबीर नगर: बघौली ब्लाक में कई गांवों की तरफ आमी नदी का पानी बढ़ने लगा है। इसकी वजह से कई गांव आमी नदी के पानी से घिर गए हैं। कोड़री-समदा मार्ग पर पानी लग जाने की वजह से आवागमन ठप हो गया है। गांवों के लोगों को बाढ़ की चिता सता रही है।
बघौली ब्लाक के समदा-कोड़री, कोल्हुआ लकडा-चौरी, बालूशासन-चंदनी-बिहारे मार्ग और भक्ठी- मलेन आदि मार्ग पर आमी नदी का पानी बह रहा है। इसमें से समदा-कोड़री मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। बाकी मार्ग पर किसी तरह लोग आ-जा रहे हैं। आमी के उफान के चलते बघौली ब्लाक के बिहारे, खजुरकोल, मलेन,भक्ठी,चंदनी,पड़री, कोल्हुआ लकड़ा समेत 12 गांवों में बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। इन गांवों के लोग जरूरत का सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। इन गांवों के लोगों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। आमी नदी में विलुप्त हो गया गोआश्रय केंद्र
संतकबीर नगर : एक तरफ सरकार बेसहारा पशुओं के रहने के लिए तरह-तरह की व्यवस्था बनाने में लगी है। जिससे उनकी देखभाल की जा सके। वहीं जिम्मेदार इस योजना के क्रियान्वयन में घोर लापरवाही बरत रहे हैं। इसका आलम यह है कि सांथा ब्लाक के अगियौना ग्राम पंचायत में गोआश्रय केंद्र राजघाट पुल से बहने वाली आमी नदी के तट पर ही बना दिया गया है। पहली बरसात में ही गोशाला पूरी तरह डूब गया। हालांकि जानवरों को निकालकर गांव में बने आंगनबाड़ी केंद्र पर रख दिया गया हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि जब गोआश्रय केंद्र के लिए पैसा आया तभी गांव के लोगों ने बताया था कि जहां केंद्र बनाने की बात होती है वह बाढ़ में डूब जाता है, लेकिन धन खपाने के चक्कर में जिम्मेदारों ने उनकी नहीं सूनी। जिम्मेदार गोशाला निर्माण को कागजी समझकर किसी तरह निर्माण कराकर अपनी जिम्मेदारी छुड़ाने में लगे रहे। गोशाला निर्माण का कार्य तो गर्मी के समय में कराया गया। लेकिन आगे बरसात भी पड़ती है इसका तनिक भी ध्यान नहीं आया। अब गोशाला पानी में डूबने से बेसहारा पशुओं को आश्रय नहीं मिल पा रहा है। बीडीओ सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि गोशाला आमी नदी में बनने की जानकारी नहीं थी। पशुओं को गांव में रखा गया है। जल्द ही दूसरे जगह गोशाला का निर्माण करवाया जाएगा।