54.70 फीसद छात्राओं की भागीदार, महज एक पद पर दावेदारी

1966 में स्थापित एचआरपीजी में आज तक कोई महिला नहीं बनी पदाधिकारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 06:10 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:10 PM (IST)
54.70 फीसद छात्राओं की भागीदार, महज एक पद पर दावेदारी
54.70 फीसद छात्राओं की भागीदार, महज एक पद पर दावेदारी

संतकबीर नगर: हीरालाल रामनिवास डिग्री कालेज (एचआरपीजी) खलीलाबाद में छात्रसंघ चुनाव हो रहा है। इसमें सभी छात्राओं को भी प्रतिभाग करने का अधिकार है। कालेज में छात्राओं की 54.70 फीसद हिस्सेदारी होने के बाद भी महज एक पद पर दावेदारी है। संकायों के प्रतिनिधि के 19 पद में सात पद जो छात्राओं के लिए आरक्षित थे यहां पर किसी ने भी भागीदारी नहीं दिखाई। छात्राओं की संख्या अधिक होने के बाद भी आज तक यहां कभी भी पद पर छात्रा नहीं चुनी गई।

जनपद के 66 महाविद्यालयों में 1966 में स्थापित एक मात्र वित्तपोषित कालेज में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री चार मुख्य पदों के साथ 19 संकाय प्रतिनिधियों के लिए चुनाव होता है। उपाध्यक्ष पद पर एक छात्रा के अलावा अन्य पद पर कोई छात्रा ने नामांकन नहीं किया। यह स्थिति तब है जब कुल 3051 विद्यार्थियों में 1669 छात्राएं है। छात्रसंघ चुनाव मूल रूप से छात्रों का चुनाव माना जाता है। छात्राओं का चुनाव में भाग न लेना चिता का विषय है। चुनाव का वातावरण ठीक न होने से छात्राएं दूरी बना कर रखती है।

प्रज्ञा चौधरी, बीए द्वितीय वर्ष चुनाव में छात्राओं की रुचि इसलिए नहीं होती क्योंकि यह माना जाता है कि कालेज की राजनीति छात्रों के लिए होती है। लड़किया पढ़ने पर ही ध्यान केंद्रित रखती हैं।

पारूल राय, बीए प्रथम वर्ष लड़कियों को भी चुनाव में भाग लेना चाहिए। आज महिलाएं सरहद की निगरानी कर रही हैं तो फिर कालेज में चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती। इस बार एक छात्रा ने चुनाव में दावेदारी की है। अब स्थिति बदलेगी।

सिद्दि त्रिपाठी, एमए प्रथम वर्ष भूगोल चुनाव में आज कल खर्च अधिक हो रहा है, ऐसे में छात्राओं का अलग होना स्वभाविक है। कालेज प्रशासन को चाहिए कि मेरिट के आधार पर छात्रसंघ का गठन करे।

नीतू दूबे, एमएससी प्रथम चुनाव में लड़किया दावेदारी भले ही नहीं करती, लेकिन मतदान में भाग जरूर लेती हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में मत का प्रयोग छात्राएं करेंगी। इस बार बड़ी संख्या में लड़किया मतदान में हिस्सा लेंगी।

जया दूबे, एमएससी प्रथम बायो

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