11 स्वास्थ्य केंद्रों पर 1137 को लगा कोरोना का टीका

संतकबीर नगर जिले के 11 स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को कोरोना से बचाव का टीका लगाया गया। 2350 लक्ष्य के सापेक्ष 1137 लोगों को टीका लगा जो लक्ष्य का 48.38 फीसद है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 11:53 PM (IST)
11 स्वास्थ्य केंद्रों पर 1137 को लगा कोरोना का टीका
11 स्वास्थ्य केंद्रों पर 1137 को लगा कोरोना का टीका

संतकबीर नगर: जिले के 11 स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को कोरोना से बचाव का टीका लगाया गया। 2350 लक्ष्य के सापेक्ष 1137 लोगों को टीका लगा, जो लक्ष्य का 48.38 फीसद है।

जिला अस्पताल के एमसीएच विग के साथ छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), एक अरबन स्वास्थ्य केंद्र, तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) टीका लगाया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मोहन झा ने बताया कि नियमित टीका लगाया जा रहा है। कोरोना की इस लड़ाई में टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण है।

-------------------------- यहां लगा इतना टीका अस्पताल - लक्ष्य - लगा टीका सीएचसी खलीलाबाद - 200 - 208 पीएचसी पौली - 500 - 189 सीएचसी नाथनगर -: 100 - 80 सीएचसी सांथा - 300 - 49 सीएचसी सेमरियावां- 300 - 30 सीएचसी मेंहदावल - 150- 220 सीएचसी हैंसर बाजार- 100 - 70 जिला चिकित्सालय - 100 - 70 पीएचसी बेलहरकलां - 400 - 111 पीएचसी बघौली -150 - 90 अरबन स्वास्थ्य केंद्र मगहर-50 -20 ------

संक्रमितों की मदद में जुटे शिवेंद्र व चंदा

संतकबीर नगर: जनपद के कोरोना अस्पताल में भर्ती के लिए आने वाली अड़चनों को दूर करने में हेल्पडेस्क के दो कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कोविड अस्पताल के बाहर हेल्पडेस्क के शिवेंद्र व चंदा लोगों की मदद में अनवरत जुटे है। लोगों की समस्या का समाधान करने के साथ ही उनकी, हर संभव मदद करते हैं। जिला अस्पताल के कोविड हेल्पडेस्क के शिवेंद्र तिवारी व आपरेटर चंदा सिंह ने 12-12 घंटे ड्यूटी करने का निर्णय लिया है। सुबह आठ बजे चंदा सिंह कोरोना अस्पताल के बाहर खड़ी हो जाती हैं। परिसर में आने जाने वालों से यह समस्याएं जानने के बाद निदान करवाती हैं। रात आठ बजे उन्हें ड्यूटी से मुक्त कर शिवेंद्र तिवारी पूरी रात जागकर कोरोना संक्रमितों की मदद में लग जाते हैं। अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर शिकायतों के बीच मरीजों के तीमारदार इन लोगों की सराहना करते हैं। दोनों कर्मियों का कहना है कि महामारी के दौर में उनके सहयोग से किसी की जान बच जाए तो यह उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

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